सुप्रिया सुले (सौजन्य-एएनआई)
Pune News In Hindi : पुणे महानगर पालिका यानी पीएमसी की नई घोषित वार्ड संरचना को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। विपक्ष ही नहीं बल्कि सत्ताधारी राष्ट्रवादी कांग्रेस (अजीत पवार गुट) के कई पूर्व नगरसेवक भी इससे नाराज हैं।
इसी बीच, एनसीपी (शरद पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जो लोग अब तक ‘फोड़-फोड़’ की राजनीति करते आए हैं, उन्होंने अब वार्डों को भी तोड़ने का काम किया है।
सुले ने सोमवार को मनपा आयुक्त नवल किशोर राम से मुलाकात की और शहर में गड्डों, सड़कों की बदहाली व नई वार्ड संरचना को लेकर चर्चा की। बाद में आयोजित पत्रकार परिषद में उन्होंने कहा कि दो दिन पहले जो वार्डों की संरचना घोषित की गई है, उससे पूरे शहर में असंतोष है। वाडों का विभाजन नियम के अनुसार होना चाहिए, न कि राजनीतिक सुविधा के हिसाब से।इस अवसर पर शहराध्यक्ष प्रशांत जगताप, सचिन दोडके और अन्य कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।
सुले ने कहा कि कई पूर्व नगरसेवकों के वार्ड मनमाने ढंग से तोड़े गए हैं, जो न्यायसंगत नहीं है।सुले ने चुनाव आयोग से आपत्तियां और सुझाव दर्ज करने की कालकर सुलन कहा कि अंतिम तिथि 4 सितंबर से बढ़ाकर 10 सितंबर करने की मांग की, क्योंकि इस समय गणेशोत्सव का दौर है। मुख्यमंत्री द्वारा नगर विकास विभाग को लेकर जताई गई नाराजगी पर उन्होंने कहा कि सिर्फ बयानबाजी से काम नहीं चलेगा, ठोस कार्रवाई होनी चाहिए, पत्रकारों द्वारा हाल ही में उनके मांसाहार संबंधी बयान पर हुई आलोचना को लेकर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को आलोचना करने का अधिकार है और वे इसका – स्वागत करती हैं।
सुले ने स्पष्ट किया कि मनपा चुनाव कार्यकर्ताओं का चुनाव है और सभी को उनके साथ मजबूती से खड़ा रहना चाहिए उन्होंने कहा कि वार्डों की संरचना नागरिकों को केंद्र में रखकर होनी चाहिए, न कि केवल चुनावी लाभ को ध्यान में रखकर, पुणे मनपा की प्रारूप वार्ड संरचना पर सुझाव आमंत्रित किए गए हैं।23 अगस्त से शुरू हुई इस प्रक्रिया के तहत 4 सितंबर तक नागरिक आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।पहले ही दिन 168 आपत्तियां और सुझाव चुनाव कार्यालय व क्षेत्रीय कार्यालयों में दर्ज किए गए हैं।
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राज्य की आर्थिक स्थिति पर सवाल उठाते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि लाड़ली बहन योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है।कई महिलाओं के नाम हटाए गए हैं और पुरुषों ने भी लाभ उठाया है।इस योजना में 4,800 करोड़ रुपये कहां गए, इसकी जांच होनी चाहिए, अन्यथा में अदालत में जनहित याचिका (PIL) दायर करूंगी। उपराष्ट्रपति – के इस्तीफे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी को लेकर सुले ने कहा कि उपराष्ट्रपति एक दिन पहले हम सबसे बातचीत कर रहे थे, लेकिन अब वे कहां हैं यह किसी को नहीं पता।उन्होंने यह भी बताया कि उनका परिवार लगातार संपर्क करने की कोशिश कर रहा है। मनसे प्रमुख राज ठाकरे के ‘वोट चोरी’ संबंधी बयान पर उन्होंने प्रतिक्रिया दी और कहा कि अगर जांच करनी है तो बारामती से शुरू की जाए, इंदापुर में बढ़े मतदान प्रतिशत पर भी उन्होंने सवाल खड़े किए।