पंढरपुर (सौजन्य-नवभारत)
पंढरपुर: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है। मंगलवार को कार्तिक यात्रा का मुख्य समारोह मनाया गया। इस अवसर पर कार्यकारी अधिकारी राजेंद्र शेलके ने बताया कि श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर में आकर्षक फूलों की सजावट की गई। उक्त पुष्प सज्जा विट्ठल भक्त राम जाम्भुलकर पुणे द्वारा धर्मार्थ आधार पर निःशुल्क की गई थी। सेवा के लिए 30 प्रकार के रंग-बिरंगे सुगंधित देशी विदेशी फूलों से सजावट की गई।
संभागीय आयुक्त डॉ. चंद्रकांत फुलकुंडवार ने कार्तिकी एकादशी के अवसर पर आयोजित आधिकारिक महापूजा के अवसर पर श्री विट्ठल के चरणों में प्रार्थना की और कहा कि वारकरी भक्तों के साथ-साथ राज्य के सभी लोगों को सुख, समृद्धि मिले। पांडुरंग की कृपा से उनके जीवन में समृद्धि आएगी।
कार्तिक शुक्ल एकादशी के अवसर पर 2 लाख से अधिक भक्त श्री विट्ठल-रुक्मिणी के दर्शन के लिए पंढरपुर पहुंचे। इस बीच हर वर्ष कार्तिक यात्रा में सरकारी भव्य पूजा करने का गौरव उपमुख्यमंत्री को प्राप्त होता है। हालांकि, इस साल आचार संहिता के कारण मंदिर समिति का कहना है कि महापूजा का सम्मान उपमुख्यमंत्री की बजाय प्रमंडलीय आयुक्त को मिला। पिछले कुछ दिनों से आषाढ़ी यात्रा के अनुरूप पंढरपुर में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। पंढरपुर में पालकियां भी पहुंची। 65 एकड़ क्षेत्र में बड़ी संख्या में वारकरी नजर आये। पंढरपुर शहर में भक्तों की भारी भीड़ दिखाई दी।
इसके लिए सफेद गेंदा, केसरिया गेंदा, पीला गेंदा, अष्टर, अशोक की पत्तियां, निशिगंधा, गुलाब, लिलियम, बैंगनी आर्किड, सफेद आर्किड, एन्थ्यूरियम, कार्नेशन, नीली डेज़ी, गुलाबी डेज़ी, तगर, चपा, पेपर, कामिनी, शेवंती, आर्किड, गुलटैप, महाद्वार, विट्ठल सभा मंडप, सोलखंबी, चौखंबी, रुक्मिणी सभा मंडप, परिवार देवता के साथ सेल्फी पेंट बनाने के लिए गुलचडी, ब्लू टेटस, व्हाइट टेटस, जिप्सम, तुलसी, विद्या पेन, कामिनी, कमल ग्लेडियो आदि जैसे फूलों और पत्तियों का उपयोग किया गया।
पंढरपुर (सौजन्य-नवभारत)
सुरक्षा और यातायात नियंत्रण के लिए 1 हजार 626 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी नियुक्त किए गए थे। जिला पुलिस अधीक्षक अतुल कुलकर्णी के आदेश पर भारी वाहनों को शहर से डायवर्ट कर दिया गया था, ताकि इस माहौल में जाम की स्थिति उत्पन्न न हो।
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शासकीय महापूजा के चयन के लिए मानाचे वारकरी को दर्शन कतार से चुना गया था, जो आधिकारिक महापूजा के दौरान उपस्थित थे। लातूर जिले के उदगीर तहसील के दंपति बाबूराव बगसारी सगर और सागरबाई बाबूराव सगर को सम्माननीय वारकरी के रूप में चुना गया है। सागर दापत्या राजमिस्त्री का काम करके अपनी आजीविका चलाते हैं।
महापूजा के दौरान वारकरी (सौजन्य-नवभारत)
यह दम्पति पिछले 14 वर्षों से नियमित रूप से वारी कर रहा है। संभागीय आयुक्त डॉ. पुलकुंडवार द्वारा जोड़े को एक वर्ष के लिए राज्य परिवहन निगम का मुफ्त एसटी पास दिया गया। प्रारंभ में मंदिर समिति की ओर से डॉ। चंद्रकांत पुलकुंडवार और उनकी पत्नी साइली पुलकुंडवार और मानाचे वारकरी का अभिनंदन किया गया।
महाराष्ट्र के आराध्य देवता श्री विट्ठल-रुक्मिणी की कार्तिकी एकादशी के अवसर पर मंगलवार को संभागीय आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार एवं सायली पुलकुंडवार साथ ही मानाचे वारकरी द्वारा शासकीय महापूजा की गई। इसके बाद श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर समिति की ओर से कार्यकारी अधिकारी राजेंद्र शेलके ने उनका अभिनंदन किया।
इस दौरान कलेक्टर कुमार आशीर्वाद, पुलिस महानिरीक्षक कोल्हापुर जोन सुनील फुलारी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुलदीप जंगम, अतिरिक्त कलेक्टर मोनिका सिंह ठाकुर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रीतम यावलकर, मंदिर समिति के कार्यकारी अधिकारी राजेंद्र शेलके, उपविभागीय अधिकारी सचिन इथापे, तहसीलदार सचिन लंगुटे, मुख्य अधिकारी प्रशांत जाधव आदि उपस्थित थे।
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