Weather Update Today: आ रहा है चक्रवाती तूफान! इन राज्यों में होगी भारी बारिश
पुणे: आईएमडी ने पुणे में घाट क्षेत्रों और मैदानी इलाकों (शहरी) के लिए अलग-अलग पूर्वानुमान जारी करना शुरू कर दिया है। दरअसल इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून अवधि के दौरान बारिश की चेतावनियों की गलत भविष्यवाणी किए जाने के कई मामले सामने आए है।
इसके कारण भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अब घाट क्षेत्रों और मैदानी इलाकों के लिए अलग-अलग अलर्ट/चेतावनी जारी करने का फैसला किया है। यह पहल पुणे, सातारा और कोल्हापुर जैसे तीन जिलों के लिए लागू की जा रही है।
1 जून से 30 सितंबर के बीच दक्षिण-पश्चिम मानसून महाराष्ट्र में बारिश हुई। राज्य में दक्षिण-पश्चिम मानसून अवधि के दौरान लगभग 80 से 90% बारिश होती है। हालांकि मानसून का महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी तंत्र पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है, लेकिन मानसून की बारिश में परिवर्तनशीलता महत्वपूर्ण चुनौतियां पैदा करती है।
जहां देरी से या कमजोर मानसून से सूखा, फसल खराब होना और आर्थिक नुकसान हो सकता है, वहीं अत्यधिक बारिश से बाढ़, भूस्खलन और बुनियादी ढांचे को नुकसान हो सकता है।
इस साल जुलाई और अगस्त के बीच मानसून के चरम मौसम के दौरान कई बार ऐसा हुआ जब आईएमडी ने पुणे जिले के लिए रेड अलर्ट जारी किया तदनुसार, पुणे, पिंपरी-चिंचवड़ और जिले के ग्रामीण इलाकों में स्कूलों में छुट्टियां घोषित की गई।
हालांकि, इस दौरान कई बार बारिश नहीं हुई। आईएमडी के साथ-साथ स्थानीय अधिकारियों की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना की गई। जबकि अधिकारियों ने कई फैसलों के लिए आईएमडी अलर्ट का हवाला दिया।
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आईएमडी ने स्पष्टीकरण दिया कि भारी बारिश की चेतावनी केवल घाट क्षेत्रों के लिए थी, न कि शहरी क्षेत्रों के लिए और अधिकारियों द्वारा चेतावनी की गलत व्याख्या की गई थी।
इसके बाद पुणे के घाट क्षेत्रों और शहरी क्षेत्रों के लिए अलग-अलग अलर्ट की मांग की गई। इसे देखते हुए आईएमडी ने 22 अक्टूबर से घाट और शहरी क्षेत्रों के लिए अलग-अलग चेतावनी जारी करने का फैसला किया। अलर्ट केवल पुणे के लिए ही नहीं बल्कि सतारा और कोल्हापुर जिलों के लिए भी हैं।
आईएमडी पुणे के मौसम और पूर्वानुमान विभाग के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी एस डी सनप ने कहा कि, ” पुणे, सतारा और कोल्हापुर में भी ऐसी ही स्थिति है क्योंकि ये जिले घाट इलाकों और मैदानी इलाकों में बंटे हुए हैं। इसलिए, हम अब दोनों क्षेत्रों के लिए अलग-अलग पूर्वानुमान जारी कर रहे हैं।”
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