पुरंदर एयरपोर्ट का डिजाइन (सोर्स: साेशल मीडिया)
Purandar Airport News: छत्रपति संभाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय पुरंदर हवाई अड्डे के लिए अधिग्रहित की जाने वाली जमीन के बदले किसानों को प्रति एकड़ एक करोड़ रुपए तक का मुआवजा देने का प्रस्ताव है।
इसके अलावा घर, पशुशाला, कुंआ, बोरवेल, जलवाहिनी, फलदार वृक्ष और वन वृक्ष जैसे घटकों के लिए उनके मूल्य का दोगुना मुआवजा देने का प्रस्ताव है जैसा कि कुछ दिनों पहले जिलाधिकारी जितेंद्र डुडी ने बताया था।
लेकिन मुआवजे की इस राशि पर सात गांवों के प्रभावित किसानों ने भारी रोष व्यक्त किया है और फिर से ‘हमें हवाई अड्डा नहीं चाहिए’ का नारा बुलंद कर दिया है। किसानों ने इसके विरोध में ज्ञापन देने और आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है।
वनपुरी (पुरंदर तालुका) स्थित महालक्ष्मी हॉल में सात गांवों के प्रभावित किसानों की एक बैठक हुई। इस दौरान एखतपूर, खानवडी, कुंभारवलण, मुंजवडी, पारगांव, उदाचीवाड़ी और वनपुरी इन सात गांवों के प्रभावित किसान मौजूद थे। किसानों का कहना था कि जिलाधिकारी और कुछ नेताओं की बैठकों में बहुसंख्यक किसानों की आवाज को दबा दिया गया था।
उनका आरोप है कि मुट्ठी भर दलाल और एजेंट निजी स्वार्थ के लिए प्रशासन से सांठगांठ कर हवाई अड्डे के लिए सहमति दिखा रहे हैं। सभी किसानों का दृढ़ मत है कि वे असली किसानों की जमीन पर इस परियोजना को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करेंगे।
ये सातों गांवों आज भी ‘जमीन नहीं देंगे’ की अपनी भूमिका पर कायम हैं। किसानों का कहना है कि सरकार केवल निवेशकों और बिल्डरों की सुविधा के लिए पैकेज तैयार कर रही है। लेकिन इसमें मूल जमीन मालिक किसानों की भागीदारी, जीवन स्तर, अगली पीढ़ी का भविष्य और सामाजिक न्याय पर विचार नहीं किया गया है। किसानों को विश्वास में लिए बिना कोई भी निर्णय लागू नहीं किया जाना चाहिए।
मुआवजा देते समय विकसित होने वाले हवाई अड्डा परिसर में किसानों को 35% विकसित भूखंड (प्लॉट) और 5 का फ्लोर स्पेस इंडेक्स (FSI) मिलना चाहिए। रिंग रोड परियोजना के लिए जिस प्रकार 7 लाख से 10 लाख प्रति गुंठा मुआवजा दिया जा रहा है, वैसा ही दर हवाई अड्डे से प्रभावित किसानों को भी मिलना चाहिए, अलग-अलग राशन कार्ड वाले संयुक्त परिवारों को अलग घर के लिए जगह दी जानी चाहिए।
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एक ही घर में रहने वाले लेकिन जिनके परिवारों के राशन कार्ड अलग-अलग हैं, उन प्रत्येक परिवार को घर निर्माण के लिए 3 गुंठा प्लॉट उपलब्ध कराया जाए। सभी प्रकार के घरों की क्षतिपूर्ति 2.5 गुना दी जानी चाहिए ताकि सामान्य किसान पक्का घर बना सकें। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी ये मांगे पूरी नहीं की गईं तो वे आंदोलन करेंगे।