(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Pune News In Hindi: बारामती तहसील में दूषित पानी से होने वाली बीमारियों, जैसे दस्त, पीलिया, डायरिया और उल्टी को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग और ग्राम पंचायतों द्वारा बड़े पैमाने पर उपाय किए जा रहे हैं।
अगस्त महीने में कुल 1,243 पानी के सैम्पल की जांच की गई, जिनमें से 73 नमूने दूषित पाए गए। इन सभी सैम्पल को शुद्ध करने के बाद दोबारा जांच की गई और वे सभी अब उपयोग के लिए सुरक्षित पाए गए हैं। अब तक, तहसील में टाइफाइड के 4 और दस्त (डायरिया) के 46 मामले सामने आए हैं।
ग्राम पंचायतों में जल-रक्षक नियमित रूप से पानी को शुद्ध करने और जांच करने का काम कर रहे हैं। कुल 99 ग्राम पंचायतों में पानी के स्रोतों के आसपास साफ-सफाई रखी जा रही है। स्वास्थ्य कर्मचारी लगातार पानी की पाइपलाइन में रिसाव और गंदगी की जांच कर रहे हैं। इस काम के लिए, स्वास्थ्य विभाग ने हर ग्राम पंचायत से 5 महिलाओं और कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया है।
पानी की गुणवत्ता की जांच फील्ड टेस्ट किट से की जाती है और परिणाम रिकॉर्ड में दर्ज किए जाते हैं, जिसके आधार पर निवारक उपाय किए जाते हैं। जल की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सख्त नियम लागू किए गए हैं। इसके तहत, हर महीने – जैविक जांच के लिए पानी के नमूने भूजल सर्वेक्षण प्रयोगशाला में भेजे जाते हैं। यह प्रक्रिया पानी में मौजूद किसी भी जैविक अशुद्धि की पहचान करने के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। इसके अलावा, पानी को शुद्ध करने के लिए इस्तेमाल होने वाले टीसीएल पाउडर के उपयोग का लेकर भी सख्त नियम हैं। यह अनिवार्य कि इस पाउडर में 33% क्लोरीन गैस और यह आईएसआई मार्क वाला हो, तानि यह सुनिश्चित हो सके कि पाउडर उच्च गुणवत्ता का है और पानी को प्रभावी ढंग से कीटाणुरहित कर सकता है।
बारामती तहसील स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज खोमणे ने कहा है कि 66 सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य टीमों की नियुक्ति की गई है। जल-जनित बीमारियों के इलाज के लिए मुफ्त सुविधाएं और पर्याप्त दवाएं उपलब्ध है। यदि नागरिक पीने के पानी की उचित देखभाल करें, तो इन बीमारियों का खतरा काफी कम हो जाएगा।
ये भी पढ़ें :- छत्रपति संभाजीनगर में बाढ़ का खतरा! भारी बारिश से बांध लबालब, जायकवाड़ी डैम के 27 गेट खोले
बारिश के मौसम में जल-जनित बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ने की संभावना रहती है। इसी को देखते हुए, तहसील स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज खोमणे ने नागरिकों से अपील की है कि वे पीने के पानी का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि लोग पानी को छानकर और उबालकर ही पिए। इसके साथ ही, उन्होंने पानी के बर्तनों को नियमित रूप से साफ रखने, पानी को ढककर रखने और पानी के स्रोतों के आसपास स्वच्छता बनाए रखने का भी आग्रह किया है। इन सरल उपायों का पालन करके जल-जनित बीमारियों के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।