पुणे न्यूज (सौ. सोशल मीडिया )
Pimpri Chinchwad News In Hindi: पिंपरी-चिंचवड मनपा द्वारा जनवरी 2023 में ‘जल्लोष शिक्षणाचा’ कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस स्पर्धा में मनपा के 8 स्कूल मॉडल स्कूल के तौर पर चुने गए थे।
इन स्कूलों के लिए लाखों रुपए के पुरस्कारों की घोषणा की गई थी। 5 करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि इन स्कूलों को दी गई थी। लेकिन यह राशि वास्तव में स्कूलों के खातों में जमा न करके संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों में जमा कर दी गई।
नतीजतन इन स्कूलों की स्थिति जस की तस बनी हुई है। उम्मीद थी कि ये पैसे मिलने से इन स्कूलों के बेहतरी पर खर्च किया जाएगा, लेकिन ये राशि क्षेत्रीय कार्यालय में जमा होने से स्कूल को कोई लाभ नहीं मिला है।
पिंपरी-चिंचवड मनपा की ओर से स्कूली छात्रों में प्रतिस्पर्धी, गुणात्मक और नवीन विचारों को बढ़ावा देने के लिए जनवरी 2023 में चिंचवड के ऑटो क्लस्टर में स्कूली स्तर पर ‘जल्लोष शिक्षणाचा’ स्पर्धा का आयोजन किया गया था। मनपा के 129 स्कूलों ने इसमें भाग लिया था। इस कार्यक्रम में आठ क्षेत्रीय कार्यालयों के तहत आने वाले एक-एक स्कूल को मॉडल स्कूल के रूप में चुना गया था।
कुल 8 स्कूलों को मॉडल स्कूल घोषित किया गया। इनमें से सर्वश्रेष्ठ स्कूल को 1।50 करोड़ व अन्य 7 स्कूलों को 50-50 लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया। इस पुरस्कार राशि में से 25% राशि स्कूल के विकास पर खर्च करने का अधिकार दिया गया था। शेष 75% राशि स्कूल को मॉडल स्कूल बनाने पर खर्च की जानी थी, शिक्षा विभाग से इन विजेता स्कूलों में सुविधाओं पर खर्च करने की अपेक्षा थी, लेकिन इनमें से कई स्कूलों की स्थिति आज भी ‘जैसी थी, वैसी ही’ बनी हुई है।
वैष्णवमाता प्राथमिक स्कूल, इंद्रायणीनगर (1 करोड़ 50 लाख का पुरस्कार), 50 लाख रुपये का पुरस्कार पाने वाले स्कूल- फकीरभाई पानसरे उर्दू स्कूल, चिंचवड, हुतात्मा चापेकर स्कूल, चिंचवडगांव, पिपले मुख प्राथमिक स्कूल क्रमांक 54, कालजेवाडी प्राथमिक स्कूल, बहोली, सोनावणे बस्ती प्राथमिक स्कूल, यशवंतराव चव्हाण उर्दू स्कूल, बेरगांव, संत तुकारामनगर स्कूल, पिपरी।
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‘जल्लोष शिक्षणाचा’ के तहत चुने गए कुछ मॉडल स्कूल टीन शेड (पत्राशेड) में चल रहे हैं, जबकि कुछ स्कूलों में जगह की कमी के कारण छात्रों के लिए शौचालय तक नहीं हैं। सोनावणे बस्ती स्कूल में क्लासरूम की संख्या कम है। पुरस्कार राशि से क्लासरूम बढ़ाने की मांग की जा रही है। फकीरभाई पानसरे स्कूल के छात्रों के लिए स्कूल बस की जरूरत है। हुतात्मा चापेकर स्कूल की इमारत पुरानी हो चुकी है। स्कूल के कर्मचारियों और छात्रों के शौचालयों की हालत खराब है। वैष्णवमाता प्राथमिक स्कूल को 1 करोड़ 50 लाख रुपये का पुरस्कार मिला, लेकिन आधी क्लास पक्की इमारत में और आधी क्लास टीन शेड में चलती है। साथ ही स्कूल में खेल का मैदान तक नहीं है।