पुणे मनपा और बॉम्बे हाई कोर्ट (सौ. सोशल मीडिया )
Bombay High Court PMC stay order: यह व्यक्तिगत लाभ के लिए अधिकारों के दुरुपयोग का मामला है। इस तरह की टिप्पणी करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुणे महानगरपालिका के कामकाज करने के तरीके की आलोचना करते हुए फटकार लगाई है।
यह फटकार एक हाउसिंग प्रोजेक्ट को काम रोकने का नोटिस भेजने के संबंध में लगाई गई है। कोर्ट ने कड़े शब्दों में कहा कि महानगरपालिका के इस मनमानी आदेश के कारण हाउसिंग प्रोजेक्ट अटक गया और कई घर खरीदारों को समस्याओं का सामना करना पड़ा है।
न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ ने मनपा द्वारा जारी ‘काम रोकने के नोटिस’ को रद्द करते हुए कहा कि इस मामले से यह स्पष्ट होता है कि एक डेवलपर ने दूसरे डेवलपर पर हावी होने के लिए महानगरपालिका की मशीनरी का दुरुपयोग किया।
साथ ही मनपा के अधिकारियों ने भी व्यक्तिगत लाभ के लिए इस दुरुपयोग को करने में डेवलपर का साथ दिया। इसकी वजह से घर का कब्जा मिलने की प्रतीक्षा कर रहे घर खरीदारों को अनावश्यक रूप से पीड़ा झेलनी पड़ी है। अदालत ने मनपा के संबंधित अधिकारियों पर 5 लाख और निजी डेवलपर वेलविल्ड मर्चेंट्स प्राइवेट लिमिटेड पर 25 लाख का जुर्माना भी लगाया है।
ये भी पढ़ें :- Pune Police को मिली बड़ी सफलता, अंतरराज्यीय हथियार तस्करी का खुलासा