अजित पवार और शरद पवार (सौजन्य-सोशल मीडिया)
पुणे: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बारामती के मालेगांव सहकारी चीनी मिल के लिए मैदान में उतरने के बाद, उनके चाचा शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी-एसपी) भी मैदान में कूद पड़ी है और एक प्रतिद्वंद्वी पैनल का गठन किया है।
बुधवार को बारामती तालुका के आधा दर्जन गांवों के पार्टी कार्यकर्ताओं और चीनी मिल सदस्यों को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा कि प्रचार के दौरान प्रलोभन दिए जा सकते हैं और उन्हें उनके झांसे में नहीं आना चाहिए। ये सदस्य चुनाव के मतदाता हैं। पवार परिवार के गृह क्षेत्र बारामती में सहकारी चीनी मिल के 21 सदस्यीय निदेशक मंडल के लिए चुनाव 22 जून को होना है और परिणाम 24 जून को घोषित किए जाएंगे।
अजित पवार 90 उम्मीदवारों में से एक हैं। वह चार दशक से अधिक समय के बाद किसी सहकारी चीनी मिल के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। वह नीलकंठेश्वर पैनल के उम्मीदवार हैं, जो वर्तमान में चीनी मिल को नियंत्रित करता है। उम्मीदवार पार्टी के टिकट पर नहीं बल्कि विभिन्न पैनलों के बैनर तले चुनाव लड़ रहे हैं।
नीलकंठेश्वर पैनल और सहकार बचाओ पैनल के अलावा शरद पवार की अगुआई वाली एनसीपी (एसपी) ने ‘बलिराजा सहकार बचाओ’ पैनल बनाकर मैदान में उतरकर मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है। शरद पवार सीधे तौर पर मैदान में नहीं हैं। बलिराजा सहकार बचाओ पैनल ने 20 और नीलकंठेश्वर पैनल ने 21 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं।
शरद पवार ने मतदाताओं को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से कहा कि अगर एनसीपी (एसपी) से जुड़े लोगों को (अजित पवार समर्थित सत्तारूढ़ पैनल ने) साथ लिया होता तो उनकी पार्टी को चुनाव के लिए प्रतिद्वंद्वी पैनल बनाने की जरूरत ही नहीं पड़ती। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘आज भी हम ऐसा रुख नहीं अपनाना चाहते। हालांकि, परिस्थितियों के चलते पार्टी को ऐसा रुख अपनाने पर मजबूर होना पड़ा। अगर सबको साथ लेकर चलने का नजरिया अपनाया जाता तो यह स्थिति (प्रतिद्वंद्वी पैनल का गठन) टाली जा सकती थी। लेकिन जो बीत गया सो बीत गया।’
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एनसीपी में 2023 के विभाजन से पहले, चीनी मिल के बोर्ड में केवल एक पैनल (नीलकंठेश्वर) पवार परिवार का प्रतिनिधित्व करता था। शरद पवार ने कहा कि वह इस असहमति (प्रतिद्वंद्वी एनसीपी समूहों के बीच) को दीर्घकालिक मुद्दे के रूप में नहीं देखते हैं। उन्होंने कहा, “यह इस विशेष चुनाव तक सीमित है, जिसमें केवल 19,000 मतदाता शामिल हैं – मिल के सदस्य जो मतदान करने के पात्र हैं।”
(एजेंसी इनपुट के साथ)