अजित पवार (pic credit; social media)
Maharashtra News: कृषि क्षेत्र में नई तकनीक के उपयोग को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। उपमुख्यमंत्री और जिले के पालकमंत्री अजीत पवार ने कहा कि खेती में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का इस्तेमाल किसानों के लिए ‘गेम चेंजर’ साबित होगा। इसके लिए सरकार ने 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
पवार बारामती के भवानीनगर में छत्रपति सहकारी साखर कारखाना द्वारा आयोजित किसान मेले के उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस मेले का मुख्य विषय था – ‘गन्ने की खेती में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) तकनीक का उपयोग’। कार्यक्रम में कृषि प्रदर्शनी और विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन सत्र का भी आयोजन किया गया।
पवार ने बताया कि पहले बजट में दो सालों के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया था, लेकिन इस तकनीक की आवश्यकता और प्रभाव को देखते हुए अब यह राशि वर्तमान वित्त वर्ष के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि भविष्य में भी इसके लिए जरूरी प्रावधान किए जाएंगे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आज किसान कई चुनौतियों से जूझ रहे हैं – मिट्टी की घटती उर्वरता, पानी की कमी, उर्वरकों की बढ़ती लागत, गन्ने की घटती उत्पादकता और जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाला नुकसान। ऐसे समय में एआई तकनीक किसानों की मददगार बन सकती है।
उन्होंने बताया कि गन्ने की खेती में एआई के उपयोग से 40 प्रतिशत तक उत्पादन बढ़ने के प्रमाण मिले हैं। इससे किसानों की आय बढ़ेगी और सहकारी चीनी मिलों को भी राहत मिलेगी। पवार ने कहा कि भविष्य में गन्ने के अलावा, फल, कपास और सोयाबीन जैसी फसलों में भी एआई तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
कार्यक्रम में राज्य के कृषि मंत्री दत्तात्रय भरणे, एग्रीकल्चरल डेवलपमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष राजेंद्र पवार, छत्रपति सहकारी साखर कारखाना के अध्यक्ष पृथ्वीराज जाचक और उपाध्यक्ष कैलाश गावडे मौजूद थे। सभी ने किसान मेले और प्रदर्शनी को कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल बताया।