कात्रज डेयरी (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: पुणे जिला सहकारी दूध उत्पादक संघ यानी कात्रज डेयरी एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गया है। कात्रज डेयरी की जमीन के आरक्षण को बदलते समय राज्य सरकार के समक्ष दायर हलफनामे में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि इस जगह का उपयोग दूध व्यवसाय से संबंधित अन्य किसी भी व्यवसाय के लिए नहीं किया जाएगा।
इसके बावजूद अध्यक्ष की पहल पर डेवरी परिसर में एक ‘मिसल हाउस’ शुरू किया गया है। निर्णय पर निदेशकों ने नाराजगी व्यक्त की है। सवाल भी उठाया गया कि दुग्ध विकास विभाग के उप-पंजीयक ने इसकी अनुमति कैसे दी।
निदेशकों के अनुसार डेयरी का परिसर दूध और दुग्ध उत्पादों की बिक्री तक ही सीमित रहना चाहिए और अन्य व्यवसाय चलाना शर्तों का उल्लंघन है। पहले डेयरी के कर्मचारियों की पत्नियों के नाम पर संस्था बनाकर उन्हें परिसर में बिक्री काउंटर दिए गए थे।
बाद में काउंटर हटा कर उसी परिसर में अब मिसल हाउस शुरू होने से यह मामला फिर से चर्चा में आ गया है। नियमों का उल्लंघन कर इस अनुमति प्रकरण को कैसे मंजूरी मिली, इस पर दुग्ध विकास विभाग पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया है। निदेशकों ने आरोप लगाया है कि डेयरी के महत्वपूर्ण निर्णयों पर प्रशासन की प्रतिकूल राय होने के बावजूद अध्यक्ष ने स्वयं के अधिकार से उन्हें मंजूरी दे दी है।
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ऑडिट के दौरान बार-बार इन बंद पड़े काउंटरों के बारे में पूछा गया था। दूध संघ को आर्थिक फायदा पहुंचाने के दृष्टिकोण से निर्देशक मंडल ने प्रस्ताव पारित कर इस जगह को किराये पर दिया है। साथ ही, दुग्ध विकास विभाग के उप-पंजीयक ने भी जगह को किराये पर देने की मंजूरी दी है।
-स्वप्निल ढमढेरे, अध्यक्ष, कात्रज दूध संघ