नीलेश चव्हाण गिरफ्तार (photo credit; social media)
पुणे: वैष्णवी हगवणे आत्महत्या मामले में वैष्णवी की बेटी के साथ दुर्व्यवहार करने और उसके माता-पिता को बंदूक दिखाकर धमकाने वाले नीलेश चव्हाण को नेपाल की सीमा से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने नीलेश को अदालत में पेश किया। अदालत ने चव्हाण को 3 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। नीलेश चव्हाण पिछले दो सप्ताह से फरार था।
प्रेमिका से फोन पर की थी बातचीत
मामला दर्ज होने के बाद से नीलेश चव्हाण फरार था। उसने अपना फोन भी बंद कर लिया था, इसलिए पुलिस उसे ढूंढ नहीं पाई, लेकिन भागने से पहले नीलेश ने अपनी प्रेमिका को यह कहकर साथ लिया कि चलो घूमने चलते हैं और वह उसे लेकर दिल्ली चला गया। उसी समय उसने अपना फोन भी बंद कर दिया था। वह हर बार अपनी प्रेमिका का फोन इस्तेमाल करता था।
नीलेश की प्रेमिका को वैष्णवी हगावने मामले के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। इसलिए उन्होंने भी चव्हाण की मदद की। लेकिन पुलिस को संदेह था कि नीलेश किसी खास व्यक्ति से संपर्क करेगा। इसलिए, पुलिस ने उस व्यक्ति की गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू कर दी। नीलेश ने अपने साथ मौजूद दोस्त के मोबाइल फोन से उस व्यक्ति से संपर्क किया। वह उस समय दिल्ली में थे। पुलिस को नीलेश की लोकेशन पता चल गई।
नेपाल सीमा से हुआ गिरफ्तार
दिल्ली से नीलेश ने अपने साथ आए दोस्त से पुणे वापस चलने को कहा। और खुद गोरखपुर जाने वाली बस में सवार हो गया। नीलेश की योजना गोरखपुर के रास्ते नेपाल भागने की थी। पुलिस ने नीलेश की प्रेमिका को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की। पूछताछ में पता चला कि उसे वैष्णवी हगावने मामले की जानकारी नहीं थी और उसका इससे कोई संबंध नहीं था। इसके बाद पुलिस को नीलेश चव्हाण की निजी बस के बारे में सूचना मिली और पुलिस ने उसे नेपाल सीमा पर रोक लिया।
पुलिस को बेवकूफ बनाने के लिए नीलेश का मास्टर प्लान
नीलेश चव्हाण ने पुलिस को धोखा देने के लिए नेपाल भागने की योजना बनाई थी। नीलेश ने अपना फोन बंद रखा, क्योंकि उन्हें पता था कि पुलिस मोबाइल ट्रेसिंग के जरिए उनकी जानकारी हासिल कर सकती है। इसके अलावा, पुणे से निकलते समय उसने चार-पांच मोबाइल फोन और अलग-अलग सिम कार्ड भी पास में रख लिए थे। इसके लिए उसने अपने दोस्तों से कुछ मोबाइल फोन और सिम कार्ड उधार लिए थे। नेपाल पहुंचकर उसने वहां एक सिम कार्ड भी खरीद लिया। इस डर से कि पुलिस ऑनलाइन लेनदेन के जरिए उसका पता लगा लेगी, उसने पुणे छोड़ने से पहले लाखों रुपए नकद अपने पास रख लिए। यह ध्यान में रखते हुए की यात्रा करने पर उनकी पहचान उजागर हो सकती है, इसलिए उसने निजी वाहन से यात्रा की।