(फोटो सोर्स सोशल मीडिया)
छत्रपति संभाजीनगर : महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर इन दिनों राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। चुनाव प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी महाराष्ट्र में ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने आज छत्रपति संभाजीनगर में जनसभा को संबोधित किया और विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने संभाजी महाराज का जमकर गुणगान भी किया और कहा कि इस चुनाव में मुकाबला संभाजी महाराज को मानने वाले देश भक्तों और औरंगजेब का गुणगान करने वालों के बीच है।
रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा , ‘‘महाराष्ट्र का यह चुनाव केवल नई सरकार चुनने का ही चुनाव नहीं है। इस चुनाव में एक ओर संभाजी महाराज को मानने वाले देशभक्त हैं और दूसरी ओर औरंगजेब का गुणगान करने वाले लोग हैं। कुछ लोग संभाजी महाराज के हत्यारे में अपना मसीहा देखते हैं।”
गौरतलब है कि संभाजी महाराज मराठा साम्राज्य की नींव रखने वाले मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के सबसे बड़े पुत्र थे। जब वे महज 32 वर्ष के थे तभी मुगल बादशाह औरंगजेब ने उनकी हत्या करवा दी थी। अपने भाषण में मोदी ने कहा कि पूरा महाराष्ट्र जानता है कि छत्रपति संभाजीनगर को यह नाम देने की मांग शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे ने उठाई थी। उन्होंने कहा, ‘‘महा विकास अघाड़ी सरकार ढाई साल सत्ता में रही लेकिन कांग्रेस के दबाव में इन लोगों की हिम्मत नहीं हुई। जबकि महायुति सरकार ने आते ही इस शहर का नाम छत्रपति संभाजीनगर किया। हमने जनता और बालासाहेब ठाकरे की इच्छा को पूरा किया।”
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से संबंधित अन्य खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
कांग्रेस और एमवीए पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि औरंगाबाद को छत्रपति संभाजीनगर बनाने पर सबसे ज्यादा तकलीफ इन दोनों को ही हुई। उन्होंने कहा, ‘‘इनके पाले-पोसे हुए लोग इस फैसले को पलटने के लिए अदालत तक चले गए थे।” आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस, सरकार बनाने के लिए विकास पर नहीं बल्कि बंटवारे पर भरोसा करती है। इतना ही नहीं वह दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को आगे बढ़ने से रोकती है ताकि सत्ता पर पीढ़ी-दर-पीढ़ी उसका कब्जा बना रहे। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए कांग्रेस शुरू से ही आरक्षण के खिलाफ रही है। इन दिनों इंटरनेट पर पुराने अखबारों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। आरक्षण को लेकर कांग्रेस की असली सोच क्या है, वह उन विज्ञापनों में साफ दिख रहा है। कांग्रेस, आरक्षण को देश के खिलाफ और मेरिट के खिलाफ बताती थी।”
मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस की मानसिकता और एजेंडा अभी भी वही है, इसलिए पिछले 10 सालों से ओबीसी समाज का प्रधानमंत्री इन्हें बर्दाश्त ही नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के ‘शहजादे’ विदेश में जाकर खुलेआम बयान देते हैं कि वह आरक्षण को खत्म कर देंगे। अब अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस और अघाडी वाले एससी, एसटी और ओबीसी समाज को छोटी छोटी जातियों में बांटने का षड्यंत्र रच रहे हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सोच रही है कि ओबीसी जातियों में बंटेगा तो उसकी ताकत कम हो जाएगी और जब समाज की ताकत कम हो जाएगी तो उसे बैठे-बैठे ही फायदा मिल जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘यहीं से कांग्रेस सत्ता में वापसी की तलाश कर रही है। अगर कांग्रेस को सरकार में आने का मौका मिला तो वह एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण रोक देगी। प्रधानमंत्री ने लोगों से इन साजिशों से बचने और एकजुट रहने का आह्वान करते हुए एक बार फिर ‘एक हैं तो सेफ हैं’ का नारा बुलंद किया।
इस रैली में उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 का मुद्दा भी उठाया और कहा कि इसकी बहाली की मांग करके कांग्रेस ‘पाकिस्तान की भाषा’ बोल रही है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद-370 को कोई वापस नहीं ला सकता क्योंकि उनकी सरकार ने इसे जमीन में दफन कर दिया है। उन्होंने कहा कि देश कभी अनुच्छेद-370 की बहाली की मांग का समर्थन नहीं करेगा। मराठवाड़ा क्षेत्र में पानी के संकट का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि अघाड़ी ने लोगों की परेशानियों को बढ़ाने के अलावा कोई काम नहीं किया है। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार में पहली बार सूखे के खिलाफ ठोस प्रयास शुरू हुए। रैली में आए लोगों को सचेत करते हुए उन्होंने कहा कि यदि अघाड़ी वाले सत्ता में आ गए तो लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसाएंगे। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे अघाड़ी वालों को घुसने ही न दें। अपने भाषण में उन्होंने मराठी में कहा, ”इसलिए मैं कहता हूं, ‘भाजपा – महायुती आहे, तर गती आहे, महाराष्ट्राची प्रगती आहे’।”
(एजेंसी इनपुट के साथ)