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74 लाख के टेंडर के लिए लगाए फर्जी कागजात, प्रन्यास अधिकारियों की सतर्कता से धोखाधड़ी का पर्दाफाश

Nagpur Pranyas Tender Fraud: नागपुर प्रन्यास की ₹74 लाख की ई-निविदा में फर्जी कागजात जमा करने का मामला उजागर हुआ है। अधिकारियों की सतर्कता से धोखाधड़ी का पर्दाफाश हुआ।

  • By आंचल लोखंडे
Updated On: Nov 11, 2025 | 12:30 PM

७४ लाख के टेंडर के लिए लगाए फर्जी कागजात (सौजन्यः सोशल मीडिया)

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Nagpur News: प्रन्यास द्वारा जारी एक ई-निविदा में धोखाधड़ी का गंभीर मामला सामने आया है। सक्करदरा में छत्रपति संभाजी महाराज सभागृह के निर्माण कार्य के लिए प्रस्तावित इस निविदा की अनुमानित लागत ₹74 लाख थी। जांच के दौरान अधिकारियों को पता चला कि निविदा प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रशांत कंस्ट्रक्शन कंपनी ने फर्जी कागजात जमा किए थे।

प्रन्यास द्वारा शहर में करोड़ों रुपये के अनेक विकास कार्य किए जा रहे हैं। चूंकि प्रन्यास के माध्यम से बिलों का भुगतान सुनिश्चित होता है, इसलिए इसकी निविदाओं में ठेकेदारों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा रहती है। इसी प्रतिस्पर्धा के चलते ठेकेदारों द्वारा बनावटी या अन्य कंपनियों के दस्तावेज निविदा के साथ संलग्न करने की घटनाएं सामने आ रही हैं।

धोखाधड़ी ऐसे हुई उजागर

छत्रपति संभाजी महाराज सभागृह निर्माण कार्य की निविदा में यह शर्त रखी गई थी कि ठेकेदार कंपनी के पास स्वयं का कंक्रीट बूम पंप होना आवश्यक है। प्रशांत कंस्ट्रक्शन कंपनी ने निविदा में भाग लेते हुए इस शर्त के तहत कंक्रीट बूम वाहन क्रमांक HR-61-E-0099 अपने स्वामित्व में होने का दावा किया और उसके समर्थन में आरसी (पंजीकरण प्रमाणपत्र) प्रस्तुत किया।

नियमों के अनुसार निविदा दस्तावेजों की जांच के दौरान प्रन्यास अधिकारियों ने वाहन की जानकारी आरटीओ से मांगी। अधिकारियों की सतर्कता से यह धोखाधड़ी उजागर हुई। जांच में पाया गया कि प्रस्तुत आरसी में दर्ज वाहन वास्तव में प्रशांत कंस्ट्रक्शन का नहीं था।

टेंडर किया गया रद्द

सूत्रों के अनुसार, आरटीओ जांच में स्पष्ट हुआ कि जिस आरसी को प्रशांत कंस्ट्रक्शन ने अपने नाम का बताया था, वह वाहन वास्तव में एसपी कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम पर पंजीकृत था। यह कंक्रीट बूम हरियाणा के भिवानी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTA) में दर्ज है।

ये भी पढ़े: दिल्ली धमाके के बाद नागपुर में भी ‘हाई अलर्ट’, प्रमुख स्थानों पर बढ़ाई गई मुस्तैदी

टेंडर रद्द

इतना ही नहीं, निविदा की शर्तों के अनुसार कंपनी को परियोजना संभालने वाले विशेषज्ञ कर्मचारियों के दस्तावेज भी प्रस्तुत करने थे, जो जमा नहीं किए गए। इन कई खामियों के कारण प्रशांत कंस्ट्रक्शन कंपनी को निविदा प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया और टेंडर को रद्द कर दिया गया।अब इस मामले के उजागर होने के बाद, प्रन्यास की पूर्व निविदाओं में ठेकेदार कंपनियों द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों की जांच किए जाने की संभावना जताई जा रही है।

Pranyas mein fake tender ghotala nagpur

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Published On: Nov 10, 2025 | 09:48 PM

Topics:  

  • Crime
  • Cyber Fraud News
  • Maharashtra
  • Nagpur News
  • Nagpur Police

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