विरार में अगस्त में हुए बिल्डिंग हादसे का दृश्य (सोर्स: सोशल मीडिया)
Virar Building Collapse Case: महाराष्ट्र के पालघर जिले में अगस्त में हुई विरार इमारत ढहने की घटना के सिलसिले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। इस हादसे में 17 लोगों की जान गई थी। मीरा भायंदर वसई विरार (एमबीवीवी) पुलिस ने वीवीएमसी के वार्ड ‘सी’ के सहायक आयुक्त गिल्सन गोंजाल्वेज को गुरुवार रात गिरफ्तार किया है।
मीरा भायंदर वसई विरार (MBVV) पुलिस ने विरार-वसई नगर निगम (VVMC) के वार्ड ‘सी’ के सहायक आयुक्त गिल्सन गोंजाल्वेज को गुरुवार रात गिरफ्तार किया। एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि गोंजाल्वेज को महाराष्ट्र प्रादेशिक तथा नगर नियोजन (MRTP) अधिनियम, 1966 के तहत आवश्यक कार्रवाई न करने के गंभीर आरोप में पकड़ा गया है।
यह गिरफ्तारी अगस्त में पालघर के विरार स्थित विजय नगर में रामाबाई अपार्टमेंट नामक इमारत ढहने की घटना के सिलसिले में की गई है। 26 अगस्त को यह इमारत बगल के खाली पड़े मकान पर गिर गई थी, जिससे बड़ा हादसा हुआ था। इस दर्दनाक हादसे में दो बच्चों सहित कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई थी। अपराध शाखा के अधिकारियों के अनुसार, वार्ड ‘सी’ के प्रभारी गोंजाल्वेज ने अपने कर्तव्य का निर्वाह नहीं किया।
संरचनात्मक ऑडिट में इमारत को अवैध और खतरनाक घोषित किए जाने के बावजूद, सहायक आयुक्त गोंजाल्वेज ने एमआरटीपी अधिनियम के तहत अनिवार्य कार्रवाई नहीं की। अधिकारी ने बताया कि ठेकेदार के साथ मिलीभगत कर अपने कर्तव्य का निर्वाह नहीं करने पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
गोंजाल्वेज की गिरफ्तारी के साथ ही, इस मामले में अब तक कुल छह लोगों को नामजद किया गया है। विरार पुलिस ने इससे पहले भी कई महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां की हैं। गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों में सबसे पहले डेवलपर नीतल साने शामिल थे, जो वर्तमान में हिरासत में हैं। इसके अलावा, उस जमीन की दो महिला मालिकों और उनके पतियों को भी पकड़ा गया था। ये लोग ढही हुई इमारत के निवासियों से किराया लेते थे।
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अवैध निर्माण की पृष्ठभूमि जांच में यह स्पष्ट हुआ कि रामाबाई अपार्टमेंट नामक यह चार मंजिला इमारत अनधिकृत थी। बाद में वीवीएमसी ने भी इसकी पुष्टि की। यह इमारत लगभग साल 2012 के आसपास बनी थी।
नगर निगम ने पुष्टि की थी कि भू-मालिक और डेवलपर ने इसे बनाते समय कोई तकनीकी सलाह नहीं ली थी और निर्माण में निम्न गुणवत्ता सामग्री का उपयोग किया गया था। 26 अगस्त को यह इमारत बगल के खाली पड़े मकान पर गिर गई थी, जिससे बड़ा हादसा हुआ था।