
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Nalasopara News In Hindi: वसई-विरार भाजपा में अन्य दलों के कार्यकर्ताओं के पक्ष प्रवेश का सिलसिला लगातार जारी है। नालासोपारा पश्चिम में बहुजन विकास आघाड़ी से जुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं का लगातार बीजेपी में पक्ष प्रवेश भाजपा की राजनीतिक ताकत को मजबूती दे रहा है।
इस पक्ष प्रवेश के बाद बविआ के पूर्व सभापति अतुल सालुंखे का घटता जनाधार को लेकर भी क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। सूत्रों की मानें तो, हाल के दिनों में बविआ से नाराज कई पदाधिकारी और सक्रिय कार्यकर्ताओ ने भाजपा का दामन थाम लिया है।
बविआ से जाने वाले नेताओं का कहना है कि उन्हें पार्टी के भीतर अपेक्षित सम्मान, विकास कार्यों में सहभागिता और भविष्य की स्पष्ट दिशा नहीं मिल पा रही थी। इसके विपरीत भाजपा में संगठनात्मक मजबूती, स्पष्ट नेतृत्व और आगामी चुनावों को लेकर ठोस रणनीति ने उन्हें आकर्षित किया है।
स्थानीय राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नालासोपारा पश्चिम में यह बदलाव केवल पक्ष प्रवेश तक सीमित नहीं है, बल्कि यह क्षेत्र की राजनीतिक नब्ज को दर्शाता है। जिस इलाके में लंबे समय तक बविआ का प्रभाव रहा, वहां अब भाजपा की बढ़ती मौजूदगी नए सिवासी समीकरण गढ़ रही है।
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भाजपा नेताओं का दावा है कि पार्टी में शामिल हुए कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर संगठन को और मजबूत करेंगे तथा विकास के मुद्दों को प्रमुखता से उठाएंगे। वहीं दूसरी ओर, बविआ के भीतर असंतोष की स्थिति साफ झलकने लगी है।
पूर्व सभापति अतुल सालुखे के नेतृत्व पर सवाल उठने लगे हैं और कार्यकर्ताओं के पलायन से पार्टी की पकड़ कमजोर पड़ती दिख रही है। स्थानीय नागरिकों के बीच भी यह चर्चा तेज है कि आगामी मनपा और स्थानीय निकाय चुनावों में इन बदलते समीकरणों का सीधा असर देखने को मिल सकता है।






