मुंबई में कैब ड्राइवर्स की हड़ताल (pic credit; social media)
Mumbai Cab Drivers Strike: मोबाइल एप के जरिए बुक की जाने वाली कैब-टैक्सी जैसे ओला, उबर और रैपिडो के ड्राइवर्स ने मुंबई में हड़ताल पर है। इसके चलते कैब कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। ड्राइवर्स की कई मांगें हैं, जिनमें से पहली कैब किराया बढ़ाने को लेकर रखी गई है।
महाराष्ट्र गिग वर्कर्स मंच के अध्यक्ष किरण क्षीरसागर ने बताया कि लगभग इन प्राइवेट कंपनियों की करीब 90 फीसदी कैब सड़कों पर नहीं दिखेंगी। संगठन का प्रतिनिधित्व करने वाले लोग महाराष्ट्र के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर प्रताप सरनाईक से भी मिले, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया। ऐसे में कैब चालकों का आंदोलन और उग्र हो गया।
न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र गिग वर्क्स मंच ने किरायों को रेशनलाइज करने, मीटर वाली ‘काली-पीली’ कैब के समान किराया लाने, बाइक टैक्सियों पर प्रतिबंध लगाने और काली-पीली कैब और ऑटो रिक्शा के परमिट की सीमा तय करने जैसी कई मांगें रखी हैं। इसके अलावा ऐप आधारित कैब के चालकों के लिए कल्याण बोर्ड के गठन और अन्य राज्यों की तर्ज पर ‘महाराष्ट्र गिग वर्कर्स एक्ट’ लागू करने की मांग की गई है।
ये भी पढ़ें – बाइक टैक्सी के खिलाफ कार्रवाई शुरू, उबर ने बंद की सर्विस, रैपिडो को नहीं डर
किरण क्षीरसागर ने बताया कि कैब एग्रीगेटर्स भारी कमीशन वसूल रहे हैं, जबकि ड्राइवरों को 8 रुपये प्रति किलोमीटर की न्यूनतम दर से ही किराया दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे पारंपरिक टैक्सी ड्राइवरों के बराबर दरें चाहते हैं, जो एसी कैब के लिए 32 रुपये प्रति किलोमीटर चार्ज करते हैं।
इस बीच, हड़ताल के कारण यात्रियों को ऑनलाइन कैब बुक करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई लोगों ने BEST की नागरिक परिवहन बसों और ऑटोरिक्शा के जरिए अपना सफर पूरा किया। फिर पास के रेलवे या मेट्रो स्टेशनों तक पैदल जाना पसंद किया।
ड्राइवरों का कहना है उबर और ओला जैसे ऐप किराए का एक बड़ा हिस्सा काट लेते हैं। नागपुर के एक नाराज कैब ड्राइवर ने कहा, कैब एग्रीगेटर कंपनियों की ओर से हमें धमकाकर और ठगकर हमारे साथ अन्याय हुआ है। हम अब और चुपचाप सहन नहीं करेंगे।