वाजे ने तोड़ा मौन, सांगले पर उठाये गंभीर सवाल...जानें सांसद राजाभाऊ वाजे ने क्या कुछ कहा?
Nashik News: शरद पवार गुट का त्याग कर भाजपा में प्रवेश करते समय पूर्व पंचायत समिति सभापति उदय सांगले ने आरोप लगाया था कि सांसद राजाभाऊ वाजे ने विधानसभा चुनाव में उनके विरोध में काम किया. इस आरोप के बाद राजनीतिक गलियारों में विभिन्न चर्चाएं सुरू हो गईं. सिन्नर सहित पूरे जिले का ध्यान अब इस पर था कि वाजे इस बारे में क्या प्रतिक्रिया देते हैं. अंततः शुक्रवार 21 नवंबर को सिन्नर में आयोजित निष्ठावंतों की सभा में सांसद वाजे ने मौन तोड़ते हुए सांगले पर कई गंभीर सवाल उठाए, जिससे अब सांगले की ही विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं.
सांसद राजाभाऊ वाजे ने 2019 की विधानसभा से लेकर 2024 की लोकसभा और विधानसभा चुनावों तक हुई घटनाओं का उल्लेख करते हुए सांगले को आरोपों के घेरे में खड़ा किया. वाजे ने कहा कि उदय सांगले ने पिछली विधानसभा चुनाव से ही मेरे खिलाफ उलटे-सीधे आरोप लगाना शुरू कर दिए थे. लेकिन स्वभावानुसार मैंने सोचा कि समय ही इसका उत्तर देगा, इसलिए मैंने कुछ नहीं कहा. मगर 2 दिन पहले भाजपा प्रवेश के दौरान उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा कि सांसद ने मेरे विरोध में काम किया. इसलिए मुझे स्पष्टीकरण देना आवश्यक लगा.
वाजे ने कहा, सबसे पहले, मुझे आपके सर्टिफिकेट की कोई आवश्यकता नहीं है. अगर मुझे कुछ करना ही होता तो 2019 में जब मैं पराजित हुआ था, तब आपकी सौभाग्यवती ने किन-किन लोगों को फोन किए, आपके भाई और पिता ने क्या बयान दिए—इन सबका मेरे पास विवरण है. मैं चाहता तो इस पर राजनीतिक लाभ उठा सकता था, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया. वाजे ने आगे कहा कि लोग उनके पास आकर कहते थे कि उनका नुकसान सांगले ने ही किया है, लेकिन वे स्वयं उलट लोगों को समझाते थे कि ऐसा कुछ नहीं हुआ, यह सब मात्र दुर्भाग्य का परिणाम है.
सांसद वाजे ने यह भी कहा कि 2017 में जिला परिषद चुनाव हुए थे. सांगले यह कहते हैं कि वे अपने पैसे के बल पर अध्यक्ष बने और इसमें वाजे का कोई योगदान नहीं था. इस पर वाजे ने चुनौती देते हुए कहा कि सांगले के भाई और सोमनाथ वाघ सच बताएं, साथ ही जब वे दादा भुसे के पास गए थे, तब शैलेश नाईक उनके साथ थे वे भी सच्चाई बताएं. पैसे तो नरेंद्र दराड़े या दिलीप बनकर के पास भी थे. मेरे पास पैसे न सही, लेकिन मैंने अपनी पूरी राजनीतिक पूंजी लगाकर आपको अध्यक्ष बनाने के लिए ईमानदार प्रयास किए.
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आगे उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ समय बाद सांगले ने उनसे संपर्क तोड़ लिया. आप, आपके पिता, मातोश्री, भाई और आपकी सौभाग्यवती समाज में मेरे बारे में क्या-क्या बोलते घूमे, उसकी जानकारी और सबूत मेरे पास मौजूद हैं. पर मैं उन्हें सार्वजनिक करना नहीं चाहता, ऐसा तीखा कटाक्ष भी वाजे ने किया.