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3500 करोड़ के विकास कार्यों पर संतों का असंतोष, कुंभ प्लानिंग में अनदेखी पर भड़के अखाड़े

Trimbakeshwar Kumbh Mela: कुंभ मेले में अखाड़ों व प्रशासन के बीच तनाव बढ़ा। महंत दुर्गादास महाराज ने कुशावर्त घाट के पौराणिक महत्व से छेड़छाड़ न करने की चेतावनी दी और 3500 करोड़ के बजट पर सवाल उठाए

  • By अंकिता पटेल
Updated On: Dec 18, 2025 | 08:24 AM

प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स: सोशल मीडिया)

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Trimbakeshwar Simhastha Kumbh News: त्र्यंबकेश्वर सिंहस्थ कुंभ मेले की तैयारियों के बीच अखाड़ों और प्रशासन के बीच तनाव बढ़ता नजर आ रहा है। बड़ा उदासीन अखाड़े के महंत दुर्गादास महाराज ने सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी है कि कुंभ मेले का मुख्य आकर्षण और आस्था का केंद्र ‘कुशावर्त घाट’ ही रहेगा।

उन्होंने साफ किया कि यदि सरकार किसी अन्य घाट का निर्माण करती है तो उन्हें आपत्ति नहीं, लेकिन कुशावर्त के पौराणिक महत्व को कम करने का कोई भी प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सिंहस्थ कुंभ मेले के लिए सरकार ने 3,500 करोड़ रुपये के विकास कार्यों को मंजूरी दी है, लेकिन साधु-संतों में इसे लेकर भारी असंतोष है। महंत दुर्गादास महाराज का कहना है कि 10 शैव साधु अखाड़ों और त्र्यंबकेश्वर के लगभग 100 आश्रमों व मठों के लिए इस बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है।

त्र्यंबकेश्वर के तीन प्रमुख अखाड़ों बड़ा उदासीन, नया उदासीन और निर्मल पंचायत ने मिलकर ‘उदासीन निर्मल परिषद’ बनाई है ताकि अपनी मांगों को मजबूती से रख सकें। साधुओं की मांग है कि कुंभ मेले की प्लानिंग करते समय सरकार को सभी 10 अखाड़ों के प्रतिनिधियों से चर्चा करनी चाहिए।

सुविधाओं का अभाव और ‘शाही मार्ग’ की चिंता

त्र्यंबकेश्वर में सड़कों का काम तो शुरू हो गया है, लेकिन साधुओं का दावा है कि इसमें कुंभ मेले के मुख्य मागों पर ध्यान नहीं दिया गया है। शहर में हो रहे सड़क निर्माण में ‘शाही मार्ग’ या ‘अमृत स्नान मार्ग’ शामिल नहीं है।

लाखों भक्तों के आगमन को देखते हुए रहने की जगह, शौचालय, अखाड़ों को जोड़ने वाली पक्की सड़कें और स्ट्रीट लाइट जैसी सुविधाओं पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।अखाड़ों ने सवाल उठाया है कि जब असली कुंभमेला कुशावर्त घाट पर लगता है, तो वहां के विकास के लिए अब तक क्या योजना बनाई गई है

यह भी पढ़ें:-Nashik मनपा चुनाव: 31 प्रभागों के लिए प्रशासनिक ढांचा तैयार, चुनाव में लगेंगे 10 हजार कर्मचारी

“सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्राचीन कुशावर्त घाट का महत्व किसी 66 भी स्थिति में काम नही साथ और श्रद्धालु केवल कुपित में ही नाम के लिए आती है। प्रशासन को ऐसा कोई भी निर्णय नहीं लेना चाहिए जिससे भक्तों की धार्मिक भावनाओं और आस्था को ठेस पहुंचे।”

-बड़ा उदासीन अखाड़ा, महंत दुर्गादास महाराज

Trimbakeshwar simhastha kumbh akharas vs government kushavart ghat

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Published On: Dec 18, 2025 | 08:24 AM

Topics:  

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  • Nashik Simhastha Kumbh

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