इगतपुरी : तहसील के मौजे देवले में नागपुर-मुंबई (Nagpur-Mumbai) समृद्धि महामार्ग (Samruddhi Mahamarg) का काम जी.वी.पी.आर इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड (GVPR Engineering Pvt Ltd) नामक कंपनी की ओर से किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि गलत तरीके से किए जा रहे काम के कारण परिसर में हर तरफ बरसात का पानी भर गया है। कहा जा रहा है कि काम शुरु करने से पहले कंपनी ने गंदे पानी के निकासी की कोई व्यवस्था न किए जाने से किसानों (Farmers) के खेतों (Farms) के अलावा सभी मुख्य इलाकों में वर्षा का पानी जमा हो जाता है।
किसानों के खेत में पानी जमा होने से धान की फसल कैसे बोई जाए, इसे लेकर धान उत्पादक किसान खास परेशान दिखायी दे रहे हैं। जिन किसानों के खेत में समृद्धि महामार्ग की गलत निर्माण प्रक्रिया के कारण अपनी फसलों से हाथ धोना पड़ा है, उन किसानों को मुआवजा दिया जाए, इस मांग को किसानों की ओर से तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया। किसानों को मुआवजा मिले इसके लिए कांग्रेस पार्टी के तहसील कृषि सेल के अध्यक्ष प्रकाश तोकडे, आगरी समाज के सचिव भोलेनाथ चव्हाण, सरपंच ज्ञानेश्वर उघडे के नेतृत्व में तहसीलदार परमेश्वर कासुले को ज्ञापन सौंपा गया।
तहसील में मौजे देवले में नागपुर-मुंबई समृद्धि राजमार्ग का काम जीवीपीआर इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड की ओर से किया जा रहा है। इस कंपनी ने सीवेज की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की है, इस कारण क्षेत्र के किसानों के खेतों में वर्षा का पूरा पानी जमा हो जाता है। खेत में पानी भर जाने के कारण धान की खेती कैसे की जाए, यह सवाल खड़ा हो गया है। तहसील में धान मुख्य फसल है और इस वर्ष खेत में पानी जमा होने के कारण धान की खेती करना संभव नहीं हो पा रहा है, इस कारण किसानों के सामने भुखमरी का संकट आने के आसार दिखायी दे रहा है। इसलिए जिस कंपनी के कारण किसानों के सामने समस्या खड़ी हुई है, उनको मुआवजा दिया जाए, ऐसी मांग करते हुए किसानों की ओर ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन सौपते समय तहसील कांग्रेस के पदाधिकारी भी मौजूद थे।
तहसीलदार को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि अगर प्रभावित किसानों को तत्काल मुआवजा नहीं दिया गया तो किसान समृद्धि राजमार्ग पर जारी काम बंद करवा देंगे। तहसीलदार को ज्ञापन सौंपते समय सरपंच ज्ञानेश्वर उगाडे, विधायक हीरामन खोसकर के निजी सहायक संदीप दावखरे, प्रकाश टोकड़े, दत्ता टोकडे, भाऊराव टोकड़े, श्रीरंग टोकड़े, दत्तात्रेय टोकड़े, भाऊसाहेब टोकड़े, लहू टोकड़े आदि उपस्थित थे।