सांकेतिक तस्वीर (Image- Social Media)
Nashik News: नासिक ज़िले में करीब एक लाख करदाता आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं। इसके लिए लगभग एक हज़ार चार्टर्ड अकाउंटेंट और टैक्स प्रैक्टिशनर कार्यरत हैं। पिछले वित्तीय वर्ष में देशभर में 7 करोड़ 30 लाख रिटर्न दाखिल किए गए थे।
अभी भी कई करदाताओं ने अपने रिटर्न दाखिल नहीं किए हैं, जिससे समयसीमा बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। सामान्यत: एक रिटर्न दाखिल करने में 15 से 20 मिनट लगते हैं, लेकिन इस बार वेबसाइट की धीमी गति ने दिक्कतें बढ़ा दी हैं। चार्टर्ड अकाउंटेंट जितेंद्र फाफट (आईसीएआई, नाशिक शाखा) ने बताया कि ऑडिट और जीएसटी रिटर्न के कारण चार्टर्ड अकाउंटेंट पर भारी दबाव है। वहीं सीए अक्षय कुलकर्णी ने कहा कि देरी की वजह से कई करदाता वंचित रह गए हैं और इसमें उनकी कोई गलती न होने पर भी उन्हें दंडित करना अन्यायपूर्ण है।
पिछले साल आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी हुई थी, लेकिन इस साल सिस्टम अपडेट के चलते अंतिम तिथि 15 सितंबर तक बढ़ाई गई। इसके बावजूद वेबसाइट पर तकनीकी अड़चनें बनी रहीं और एक रिटर्न दाखिल करने में 15–20 मिनट तक लग रहे थे। राष्ट्रीय स्तर पर तीन बार प्रतिक्रियाएं मिलने के बाद विभाग ने एक दिन की अतिरिक्त मोहलत दी, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह पर्याप्त नहीं है और समयसीमा में और विस्तार की आवश्यकता है।
सामान्य करदाताओं के लिए रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि आमतौर पर जुलाई के अंत तक होती है। इस वर्ष यह सितंबर तक बढ़ाई गई, जिससे पूरा शेड्यूल बिगड़ गया। अग्रिम कर भुगतान की चार किस्तें जून, सितंबर, दिसंबर और मार्च में होती हैं। इस बार 15 सितंबर को दूसरी किस्त की अंतिम तिथि थी। जिन करदाताओं का टर्नओवर 2 करोड़ से अधिक है, उनके लिए ऑडिट की अंतिम तिथि 30 सितंबर है, लेकिन सामान्य रिटर्न दाखिल करने में देरी होने के कारण अगले 15 दिनों में ऑडिट पूरा करना कठिन हो गया है। साथ ही जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि भी निकट है, जिससे करदाताओं और सीए के सामने तिहरी चुनौती खड़ी हो गई है।
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नाशिक में आयकर रिटर्न की गड़बड़ी, ऑडिट की बढ़ी हुई समयसीमा और जीएसटी रिटर्न का दबाव, इन सबके चलते करदाता, चार्टर्ड अकाउंटेंट और टैक्स प्रैक्टिशनर मानसिक तनाव झेल रहे हैं। वहीं, आयकर विभाग की वेबसाइट की धीमी गति इस परेशानी को और बढ़ा रही है।