दादा भुसे और सुहास कांदे (सौजन्य-सोशल मीडिया)
नासिक: शिंदे गुट में शहर स्तर पर चल रही गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। इसे देखते हुए, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंत्री दादा भुसे और विधायक सुहास कांदे को आगामी महानगरपालिका चुनावों को ध्यान में रखते हुए शहर की राजनीति पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया है।
ऐसी खबरें हैं कि इसी के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत इन दोनों नेताओं के लिए शनिवार 28 जून सुबह पंचवटी के लॉन्स में एक ‘ग्रंथतुला’ और नागरिक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों को मजबूत किया है, “अब शहर पर ध्यान दें” जैसी भावनाएं व्यक्त कीं, जिससे एकनाथ शिंदे के निर्देशों की पुष्टि हुई है।
शिंदे सेना में पिछले एक साल से गुटबाजी चरम पर है। पार्टी नेताओं के पास एक-दूसरे के खिलाफ शिकायतें भी दर्ज कराई गई हैं। एक तरफ जहां अन्य दलों के पदाधिकारी और नगरसेवक पार्टी में शामिल हो रहे हैं, वहीं पार्टी के भीतर की गुटबाजी इस प्रक्रिया में बाधा डाल रही है और आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में इसका नुकसान होने की संभावना है। इसलिए, मंत्री दादा भुसे और विधायक सुहास कांदे को पार्टी ने इस पर ध्यान देने का निर्देश दिया है।
इसी के तहत, स्थानीय पार्टी पदाधिकारियों को विश्वास में लिए बिना, मंत्री भुसे के बेटे अविष्कार और कांदे के बहनोई फरहान खान ने नासिक में इन दोनों नेताओं के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया और बताया जाता है कि उन्होंने पूरी तरह से इसकी योजना बनाई थी। लेकिन स्थानीय पार्टी पदाधिकारियों ने इस समारोह में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, लेकिन वक्ताओं द्वारा अपने मार्गदर्शक भाषणों में पार्टी संगठन पर ध्यान देने का आग्रह करने से यह संकेत मिला कि ये निर्देश पार्टी स्तर से ही आए हैं।
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कुछ महीने पहले भुसे और कांदे के बीच मंत्री पद को लेकर खींचतान हुई थी, जिससे कड़वाहट भी पैदा हो गई थी लेकिन अब कांदे को भी राज्य मंत्री का दर्जा दिए जाने से संतुलन स्थापित हो गया है। सूत्रों ने बताया है कि इन दोनों को अब स्थानीय स्वशासन निकायों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।