नासिक ZP (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nashik News In Hindi: नासिक जिला परिषद (जिप) और पंचायत समिति चुनावों के लिए आरक्षण की घोषणा 13 अक्टूबर को होगी, जिस पर जिले के इच्छुक उम्मीदवारों की निगाहें टिकी हुई हैं।
इस साल से आरक्षण व्यवस्था 2011 की जनसंख्या के आधार पर लागू होगी, जिससे कई राजनीतिक क्षेत्रों में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। 2002 से चली आ रही चक्रीय आरक्षण व्यवस्था इस वर्ष बाधित हो जाएगी, जिसके चलते कई मौजूदा और भावी उम्मीदवारों को यह डर सता रहा है कि कहीं उनका समूह आरक्षित न हो जाए।
जिले में आखिरी स्थानीय निकाय चुनाव 2017 में हुए थे। लगभग आठ वर्षों से जिप और पंचायत समिति के चुनाव लंबित हैं। जिला परिषद को नेतृत्व तैयार करने वाली राजनीतिक कार्यशाला माना जाता है, इसलिए इन चुनावों में उम्मीदवारों की भारी भीड़ उमड़ पड़ती है। चूंकि 2011 की जनसंख्या के आधार पर आरक्षण लागू होगा, इसलिए कई जगहों पर समीकरण बदलने तय हैं। जिन उम्मीदवारों ने पिछले कुछ वर्षों से चुनाव की तैयारी कर रखी थी, उनके सामने बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। वार्ड संरचना में पहले ही बदलाव हो चुका है, और अब आरक्षण का फैसला 13 अक्टूबर को होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि जिप और पंचायत समिति के चुनाव 2017 के 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के अनुसार कराए जाएं। कोर्ट के निर्देशानुसार, राज्य सरकार ने समूहों और गणों की संख्या को पुराने तरीके से सुनिश्चित किया है। इसलिए, कुल सीटों में से 50 प्रतिशत सीटें सामान्य वर्ग (महिलाओं सहित) के लिए आरक्षित होंगी, जबकि शेष 50 प्रतिशत आरक्षण वाली अन्य सभी जातियों के लिए आरक्षित होंगी।
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जिला परिषद के कुल 74 समूहों में से, सबसे अधिक 29 सीटें अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं। इसके बाद ओबीसी (20) और सामान्य वर्ग (20) के सदस्य हैं। अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के लिए 5 सीटें आरक्षित हैं। हालांकि आरक्षण की तस्वीर लगभग स्पष्ट हो चुकी है, लेकिन इच्छुक उम्मीदवारों में इस बात को लेकर उत्सुकता है कि उनकी सीट महिला के लिए आरक्षित होगी या पुरुष के लिए।