नासिक: आज शहर सहित जिलावासी गर्मी (Heat) के प्रकोप से बेहाल हो गया है। नासिक शहर (Nashik City) में गर्मी का पारा (Temperature) 37 से 40 अंश तक पहुंच गया है। मई माह के आखिरी सप्ताह में शहर का तापमान 42 अंश से अधिक होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इस पार्श्वभूमि पर नासिक महानगरपालिका प्रशासन (Nashik Municipal Administration) ने शुरू किए गए उष्माघात कक्ष की संख्या बढ़ाने का नियोजन शुरू कर दिया है। पिछले एक सप्ताह से शहर सहित जिलावासी गर्मी के प्रकोप से बेहाल है। शहर में लगातार 40 अंश तक पारा कायम है। इसके चलते शहरवासी पसीना-पसीना हो रहे है। स्थिति को ध्यान में रखते हुए नासिकवासी दोपहर के समय घर और कार्यालय से बाहर नहीं निकल रहे है।
आगामी कुछ दिनों तक गर्मी का प्रकोप अधिक होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। सुबह 7 से शाम 7 बजे तक नागरिक गर्मी से परेशान है। कामकाज को लेकर घर या कार्यालय से बाहर जाने वाले नागरिक उष्माघात का शिकार हो रहे है। उन्हें उल्टी, जुलाब, बुखार आदि से परेशान है, जिसे ध्यान में रखते हुए नासिक महानगरपालिका ने नासिकरोड स्थित बिटको, जाकिर हुसैन, पंचवटी और सिडको के मोरवाडी स्थित अपने अस्पताल प्रत्येक पांच उष्माघात कक्ष शुरू कर दिया है। जिसकी संख्या आगामी दिनों में बढ़ने वाली हैं।
हर साल 1 मार्च से 31 जुलाई के बीच उष्णता विकार प्रतिबंध और नियंत्रण के लिए विभिन्न स्तर पर उपाय योजना की जाती हैं। साथ ही बीमारी का दैनंदिन सनियंत्रण और सर्वेक्षण किया जाता है। बढ़ती गर्मी से शारीरिक समस्या निर्माण होती है। उष्माघात यह हंगामी समस्या है, लेकिन समय पर उपचार नहीं किया गया तो जान भी जा सकती है। आज स्थिति में गर्मी का प्रकोप जारी है, इसलिए नागरिकों ने सावधानी बरतने की जरूरत हैं।
पिछले कुछ दिनों से सूरज आग उगल रहा है। इसके चलते पशु, पक्षियों के साथ मानव परेशान हो गए है। उष्मघात के चलते जिले में कुछ नागरिकों की मौत भी होने की चर्चा है। स्थिति को ध्यान में रखते हुए महानगरपालिका के स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों को सावधानी बरतने की अपील करते हुए बिना वजह घर से बाहर न निकलने की अपील की है। अगर कोई व्यक्ति कामकाज के लिए घर से बाहर निकलता है तो वह सूती कपड़ों का उपयोग करें। समय-समय पर पानी पीए। हो सके तो शीतपेय के साथ फलों के जूस का सेवन करें। सिर पर टोपी पहने। आंखों पर गॉगल लगाए। बार-बार मुंह को ठंडे पानी से साफ करें। भोजन में हल्के पदार्थों को शामिल करें। मसालेदार खाद्य पदार्थों का उपयोग न करें।