नाशिक सिंहस्थ कुंभ (सौ. सोशल मीडिया )
Nashik News: आने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले की पृष्ठभूमि पर नाशिक–त्र्यंबकेश्वर मार्ग के चौड़ीकरण के नाम पर नाशिक महानगर विकास प्राधिकरण ने अतिरिक्त जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू की है. इस कार्रवाई में प्राधिकरण ने किसानों के अधिकृत मकान, होटल, दुकानें, मंदिर और गोठे (पशुशाला) तक पर बुलडोज़र चलाए, जिससे कई किसान भूमिहीन हो गए हैं. दीवाली के ठीक मौके पर हुई इस कार्रवाई से दस से अधिक गाँवों के सैकड़ों परिवारों को सड़क पर उतरना पड़ा, जिससे क्षेत्र में भारी रोष निर्माण हुआ है.
प्रशासन के विरोध में प्रभावित किसानों ने साखळी उपोषण (श्रृंखलाबद्ध अनशन) शुरू किया है, जो अब आठवें दिन में प्रवेश कर चुका है. इस आंदोलन को ठाकरे गट शिवसेना और मनसे (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) ने खुला समर्थन दिया है. दोनों ही दलों के नेताओं ने आंदोलन स्थल पर पहुंचकर किसानों से मुलाकात की और संघर्ष में साथ रहने का आश्वासन दिया.
इस आंदोलन में पिंपलगांव बहुला, बेलगांव ढगा, तळेगांव, अंजनेरी, खंबाले, पेगलवाडी समेत दस से अधिक गांवों के लगभग 2,500 किसान और व्यावसायिक लोग संकट में हैं. प्रशासन ने 15 अक्टूबर से घरों, दुकानों, होटलों, टपरी और यहाँ तक कि सरकार द्वारा मंजूर किए गए घरकुल (आवास योजना) पर भी बुलडोज़र चलाने की कार्रवाई शुरू की.
कार्रवाई के बाद कई इलाकों में ढही हुई इमारतें और टूटे मकान नज़र आ रहे हैं. कई दुकानों और इमारतों पर प्रशासन ने अनधिकृत की निशानियां कर दी हैं. क्षेत्र में चारों ओर भय और सन्नाटा फैल गया है.
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इस दौरान आंदोलन में कई प्रमुख नेता उपस्थित रहे जिनमें शिवसेना (ठाकरे गट) के उपनेता दत्ता गायकवाड, राज्य संघटक विनायक पांडे, जिल्हा प्रमुख डी. जी. सूर्यवंशी, पूर्व आमदार वसंतराव गिते, बाबासाहेब गायकवाड, मसूद जिलानी, मनसे के प्रदेश सरचिटणीस दिनकर पाटील, सलीम मामा शेख, रतनकुमार इचम, मधुकर खांडबहाले व रामदास चव्हाण थे.