प्याज
Nashik News: सितंबर में हुई भारी बारिश और अक्टूबर में जारी बेमौसम वर्षा ने नाशिक जिले के प्याज उत्पादक किसानों का गणित बिगाड़ दिया है. रोपाई के लिए तैयार गर्मी के प्याज (उन्हाल कांदा) के रोपे पूरी तरह नष्ट हो गए हैं, जिसके चलते पिछले साल के मुकाबले इस साल प्याज का उत्पादन क्षेत्र काफी कम होने और परिणामस्वरूप उत्पादन घटने का अनुमान लगाया जा रहा है.
सितंबर में अतिवृष्टि और अक्टूबर में बेमौसम बारिश के कारण नाशिक जिले में मक्का और सोयाबीन के साथ-साथ गर्मी के प्याज के रोपों को भारी नुकसान हुआ है. पिछले 9 दिनों की बेमौसम बारिश में ही 1,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र के प्याज के रोपे पानी में डूब गए हैं. किसानों के पास अब रोपाई के लिए रोपे ही नहीं बचे हैं, जिससे उनके सामने यह सवाल खड़ा हो गया है कि वे रोपाई के लिए पौधे कहाँ से लाएँगे.
अगर किसान अब नए सिरे से गर्मी के प्याज के बीज तैयार करने का फैसला करते हैं, तो जमीन को तैयार होने में (वाफसा होने में) कम से कम 20 दिनों का समय लगेगा
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किसान नेता ने कहा कि किसानों के हाथ में अब प्याज के रोपे ही नहीं बचे हैं. अगर अब नया बीज डाला भी जाता है, तो वह फरवरी में रोपाई के लिए तैयार होगा. फरवरी में प्याज की अच्छी वृद्धि के लिए आवश्यक ठंडी जलवायु नहीं होती है, जिससे उत्पादन पर नकारात्मक असर पड़ेगा.