प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: AI)
Nashik Election Campaign Rate List: आगामी नासिक महानगरपालिका चुनावों को लेकर जहां राज्य चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों के चुनावी खर्च की अधिकतम सीमा तय कर दी है, वहीं बढ़ती महंगाई ने प्रत्याशियों की चिंता और बढ़ा दी है। चुनाव प्रचार के दौरान होने वाले हर छोटे-बड़े खर्च पर अब प्रशासन की पैनी नजर रहने वाली है।
इसी पृष्ठभूमि में नासिक मनपा प्रशासन ने उम्मीदवारों के लिए प्रचार से जुड़ी सेवाओं और वस्तुओं की आधिकारिक दर सूची जारी कर दी है। इसमें टेंट, झंडे, बैनर, प्रचार सामग्री, परिवहन व्यवस्था और कार्यकर्ताओं के खान-पान तक के खर्च की दरें तय की गई हैं। यह सूची मनपा मुख्यालय राजीव गांधी भवन में आयोजित बैठक में जारी की गई।
इस बैठक में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। नासिक मनपा के मुख्य लेखा परीक्षक बलवंत गायकवाड ने स्पष्ट रूप से कहा कि उम्मीदवारों द्वारा कार्यकर्ताओं के लिए चाय, नाश्ता या भोजन पर किया गया कोई भी खर्च उनके चुनावी खर्च में जोड़ा जाएगा। इसे नजरअंदाज करने की अनुमति नहीं होगी।
प्रशासन द्वारा जारी दर सूची के अनुसार चाय की दर 10 रुपये, कॉफी 12 रुपये और वड़ापाव 12 रुपये तय की गई है। वहीं शाकाहारी भोजन के लिए 150 रुपये और मांसाहारी भोजन के लिए 250 रुपये प्रति व्यक्ति की दर निर्धारित की गई है। प्रचार सामग्री में 50 से 100 वर्ग फुट के बैनर या बोर्ड के लिए 300 रुपये तथा 10×10 फुट के बूथ की अनुमति के लिए 1,000 रुपये शुल्क तय किया गया है।
जनसभाओं के लिए भी अलग-अलग मैदानों की दरें तय की गई हैं। पवन नगर मैदान के लिए 5,000 रुपये, ईदगाह या अनंत कान्हेरे मैदान के लिए 35,000 रुपये और राजे संभाजी स्टेडियम के लिए 25,000 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है। इसके अलावा हेलिपैड अनुमति के लिए प्रतिदिन 700 रुपये के साथ 18 प्रतिशत जीएसटी देना होगा, जबकि पथनाट्य के लिए 250 रुपये का लाइसेंस शुल्क तय किया गया है।
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मनपा प्रशासन ने चेतावनी दी है कि यदि घोषित दरों और उम्मीदवार द्वारा दिखाए गए वास्तविक खर्च में अंतर पाया गया, तो संबंधित प्रत्याशी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। निजी संपत्ति पर प्रचार सामग्री लगाने और विभिन्न स्थानों पर जनसभाएं करने के लिए भी स्थान और क्षेत्रफल के अनुसार अलग-अलग शुल्क लागू होंगे।
अब उम्मीदवारों को तय दरों के अनुसार अपना दैनिक चुनावी खर्च विवरण प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। प्रशासन का कहना है कि इस कदम से चुनाव प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनेगी।