भूषण गवई ने नासिक न्यायालय का किया उद्घाटन (pic credit; social media)
Bhushan Gavai in Nashik: नासिक जिला एवं सत्र न्यायालय के नए आधुनिक भवन का उद्घाटन सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत राम डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने नागरिकों को राजनीतिक अधिकार देने के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक समानता प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया था। आज के समय में यह समानता स्थापित करना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।
मुख्य न्यायाधीश गवई ने नाशिक के इस नए भवन को देश के सभी जिला न्यायालयों में बेहद खूबसूरत बताते हुए बुनियादी ढांचे की सराहना की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का सही अर्थ तभी होगा जब सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र का निर्माण भी सुनिश्चित किया जाए। स्वतंत्रता के साथ-साथ समानता, भाईचारा और बंधुता भी जरूरी है।
उद्घाटन समारोह में बॉम्बे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश चंद्रशेखर, मंत्री छगन भुजबल, अन्य राज्य मंत्री, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया अनिल सिंह और कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। न्यायमूर्ति रेवती हेरे मोहिते ने कहा कि यह भवन केवल एक न्यायालय नहीं है, बल्कि आधुनिक सुविधाओं के साथ त्वरित न्याय सुनिश्चित करने का प्रतीक है।
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नया भवन वकीलों, कर्मचारियों और नागरिकों की सुविधा के लिए बनाया गया है। इसमें 350 से 400 लोगों की क्षमता वाला विशाल सभागार, 1500 दोपहिया वाहन और 450 कारों के लिए पार्किंग की सुविधा है। इसके अलावा, प्राथमिक और उच्च न्यायिक सुविधाओं के लिए भी पर्याप्त स्थान उपलब्ध कराया गया है।
मुख्य न्यायाधीश गवई ने बताया कि वे 2019 में सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश थे, तब उन्होंने इस भवन के शिलान्यास में भाग लिया था और आज उद्घाटन करना उनके लिए विशेष खुशी का क्षण है। उन्होंने बुनियादी ढांचे के निर्माण में तात्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और संबंधित अधिकारियों के सहयोग की सराहना की।
नाशिक जिला न्यायालय का यह नया भवन न्यायिक प्रक्रिया को गति देने, नागरिकों को त्वरित न्याय देने और आधुनिक न्यायिक मानकों के अनुरूप कार्य करने में सक्षम होगा। मुख्य न्यायाधीश ने सभी न्यायाधीशों और वकीलों से इस भवन का उपयोग जनता की सेवा में पूरी निष्ठा से करने का आग्रह किया।