एनसीपी नेता माणिकराव कोकाटे (सोर्स: सोशल मीडिया)
Supreme Court Relief Manikrao Kokate : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री माणिकराव कोकाटे को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी कानूनी संजीवनी मिली है। अदालत ने जाली दस्तावेजों के जरिए सरकारी आवास हासिल करने के मामले में कोकाटे की सजा पर रोक लगा दी है, जिससे उन्हें विधायक के रूप में अयोग्य ठहराए जाने से अस्थायी सुरक्षा मिल गई है।
यह पूरा कानूनी विवाद लगभग तीन दशक पुराना है। सूत्रों के अनुसार, माणिकराव कोकाटे ने नासिक शहर के एक पॉश इलाके ‘कनाडा कॉर्नर’ में स्थित ‘निर्माण व्यू अपार्टमेंट’ में मुख्यमंत्री कोटे के तहत एक फ्लैट हासिल किया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी वास्तविक आय छिपाई और खुद को कम आय वर्ग (LIG) का बताकर गलत तरीके से यह आवंटन प्राप्त किया।
इस मामले में यह भी आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपने भाई विजय कोकाटे, पोपट सोनवणे और प्रशांत गोवर्धन के साथ मिलकर जाली दस्तावेजों का उपयोग किया था। इसी धोखाधड़ी और जाली दस्तावेजों के इस्तेमाल के लिए फरवरी 2025 में नासिक जिला अदालत ने उन्हें दोषी ठहराते हुए दो साल की जेल की सजा सुनाई थी।
नासिक जिला अदालत के फैसले के खिलाफ माणिकराव कोकाटे ने पहले नासिक सेशस कोर्ट और फिर बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील की थी। हालांकि, दोनों ही अदालतों ने उनकी सजा को बरकरार रखा था, हालांकि हाई कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। इसके बाद कोकाटे ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटाखटाया।
सुप्रीम कोर्ट ने आज इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोकाटे की सजा पर रोक लगा दी। अदालत ने स्पष्ट किया कि जब तक मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो जाती, कोकाटे को विधायक के तौर पर अयोग्य नहीं माना जाएगा। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र राज्य सरकार को भी इस संबंध में नोटिस जारी किया है।
यह भी पढ़ें:- निकाय नतीजों के बाद नागपुर में हलचल तेज, फडणवीस-गडकरी की मीटिंग ने बढ़ाया सस्पेंस
यह आदेश माणिकराव कोकाटे के राजनीतिक करियर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वह पहले ही अपना मंत्री पद खो चुके थे और विपक्षी याचिकाकर्ताओं का दावा था कि दोषी ठहराए जाने के कारण उनकी विधानसभा सदस्यता तुरंत रद्द कर दी जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने फिलहाल इन दावों को खारिज कर दिया है और कोकाटे के राजनीतिक भविष्य को अस्थायी रूप से सुरक्षित कर दिया है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस राहत का सीधा असर नासिक जिले की स्थानीय राजनीति के साथ-साथ राज्य के सियासी समीकरणों पर भी देखने को मिलेगा। कोकाटे अब सुनवाई पूरी होने तक अपनी विधायक की भूमिका को पूरी शक्ति के साथ जारी रख सकेंगे।