
प्रतिकात्मक तस्वीर
मनमाड : इस समय कहीं भी लोडशेडिंग नहीं किए जाने का दावा राज्य के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत (Nitin Raut) कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मनमाड़ शहर (Manmad City) परिसर में रोजाना साढ़े 3 से 4 घंटे का लोडशेडिंग की जा रही है। आधी रात को उसके बाद सुबह तड़के, दोपहर में और शाम को भी ऐसे 3 से 4 चरणों में लोडशेडिंग (Loadshedding) हो रही है। विशेषता इस समय पवित्र रमजान महीना चल रहा है, सहेरी और रोजा खोलने के वक्त लोडशेडिंग किया जा रहा है।
विगत 5 वर्षों से बंद हुआ लोडशेडिंग अचानक शुरू किए जाने के कारण आम लोगों से किसान, व्यापारी, दुकानदारों में भारी नाराजगी है। अगर लोडशेडिंग बंद नहीं किया गया तो सड़क पर उतरकर आंदोलन (Protest) किए जाने की चेतावनी आरपीआई (RPI) ने दी है।
राज्य में जब कांग्रेस-एनसीपी आघाडी सरकार की सत्ता थी तब बिजली की कमी बताते हुए लोडशेडिंग शुरू किया गया था ,जिसके कारण सभी को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। 2014 में राज्य में भाजपा-शिवसेना युती की सरकार आने के बाद से लोडशेडिंग बंद किया गया था, लेकिन फिर से बिजली कंपनी द्वारा पुन: लोडशेडिंग किए जाने की शुरुआत की गई। मनमाड़ शहर परिसर में 3 से 4 चरणों में लोडशेडिंग शुरू किया गया जिसमें सबसे ज्यादा तकलीफ आधी रात को ढाई बजे से लेकर साढ़े 4 बजे तक और शाम को 5 से लेकर 7 बजे तक किए जा रहे लोडशेडिंग से हो रही है। इस समय तापमान में काफी इजाफा होकर पारा 40 सेल्सियस से ऊपर जाने लगा है जिसके कारण गर्मी से लोग परेशान हो गए है। एक ओर जानलेवा गर्मी दूसरी ओर आधी रात के बाद किए जा रहे लोडशेडिंग से लोगों में भारी नाराजगी है।
लोगों का कहना है कि आधी रात के बाद लोडशेडिंग किए जाने से नींद हराम हो गई है, सबसे ज्यादा परेशानी छोटे बच्चे, बुजुर्ग और मरीजों को उठानी पड़ रही है। आधी रात को लोडशेडिंग करना कितना उचित है, ऐसा सवाल उठाया जा रहा है। यहां के व्यापारी और दुकानदारों का कहना है कि कोरोना के कारण पहले ही व्यापार चौपट हो गया था, कोरोना के कारण लगाये गए निर्बंध हटाए जाने के बाद दुकानों पर भीड़ अभी शुरू भी नहीं हुई की, लोडशेडिंग शुरू किया गया जिसके खामियाजा हमें भुगतना पड़ रहा है। करीब 4-5 साल से लोडशेडिंग नहीं हो रहा था जिसके कारण लोगों को लोडशेडिंग की आदत नहीं रही थी, लेकिन दुबारा लोडशेडिंग शुरू किए जाने से आम लोगों समेत किसान, व्यापारी, दुकानदारों समेत सभी की परेशानी बढ़ गई है।






