उदय सामंत (सौजन्य-सोशल मीडिया)
नासिक: नासिक जिले में जल्द ही एक बड़ा प्रोजेक्ट शुरू होने जा रहा है, जिसके लिए कुल 650 एकड़ जमीन की आवश्यकता है। इनमें से 400 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है और इस परियोजना पर कुल 5,000 करोड़ रुपये खर्च करने की सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है, ऐसी जानकारी उद्योग मंत्री उदय सामंत ने दी। हालांकि, उन्होंने इस प्रोजेक्ट का नाम बताने से इनकार किया।
जिले के राजूर बहुला क्षेत्र में महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (MIDC) द्वारा अधिग्रहीत जमीन में से 25 एकड़ जमीन आईटी पार्क के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही औद्योगिक क्षेत्र की सड़कों को कंक्रीट करने के निर्देश भी सामंत ने दिए। जिला कलेक्ट्रेट के केंद्रीय सभागार में मंत्री सामंत की अध्यक्षता में एमआईडीसी के नासिक डिवीजन की समीक्षा बैठक तथा जिले के उद्यमियों की समस्याओं पर चर्चा हेतु बैठक आयोजित की गई थी।
बैठक में विधायक सीमा हिरे, जिलाधिकारी जलज शर्मा, मनपा आयुक्त मनीषा खत्री, एमआईडीसी के क्षेत्रीय अधिकारी दीपक पाटिल, नासिक इंडस्ट्रीज एंड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (निमा) के अध्यक्ष आशिष नहार, अंबड इंडस्ट्रीज एंड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आइमा) के अध्यक्ष ललित बूब, महाराष्ट्र चैंबर्स के प्रतिनिधि सचिन शाह, मिलिंद राजपूत, धनंजय बेले, मनीष रावल, हर्षद बेले, राजेंद्र वडनेरे, राजेंद्र आहिरे समेत कई उद्यमी उपस्थित थे।
उद्योग मंत्री सामंत ने कहा कि नासिक में आईटी पार्क के माध्यम से विकास को गति मिलेगी। इसके लिए राजूर बहुला की 25 एकड़ जमीन के साथ-साथ मनपा की ओर से अतिरिक्त 15 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। उद्योग विभाग, एमआईडीसी और मनपा के माध्यम से आईटी कंपनियों के लिए आवश्यक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। आगामी कुंभ मेले के संदर्भ में साधूग्राम के लिए भूमि अधिग्रहण किया जाएगा।
इस भूमि पर उद्योगपतियों और मनपा के सहयोग से एक स्थायी प्रदर्शनी केंद्र स्थापित करने की योजना तैयार करने का सुझाव मंत्री ने दिया। इस प्रदर्शनी केंद्र में अगले 11 वर्षों तक औद्योगिक प्रदर्शनियां आयोजित की जाएंगी और 12वें वर्ष में वह भूमि कुंभ मेले के लिए प्रशासन को सौंपी जाएगी। साथ ही देशभर से आने वाले उद्यमियों के लिए टेंट की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए गए।
अग्निशमन कर का मुद्दा मनपा और एमआईडीसी के समन्वय से हल किया जाएगा। उद्योगों को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बिजली वितरण कंपनी को आवश्यक उपाय करने होंगे। उपकेंद्रों को सुधारा और सशक्त किया जाएगा। सातपूर इंडस्ट्री क्षेत्र के अधूरे कार्यों के लिए 2.5 करोड़ रुपये का फंड मंजूर किया गया।
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इंडस्ट्रियल क्षेत्र से निकलने वाले वेस्ट पानी के ट्रीटमेंट के लिए 12 करोड़ रुपये का फंड को मंजूरी दी गई है। जिलाधिकारी जलज शर्मा ने जिला उद्योग समिति के अंतर्गत उप-समितियों का गठन किया है, जिससे उद्यमियों की समस्याओं का तेजी से समाधान हो रहा है। उद्योग मंत्री सामंत ने कहा कि इसी प्रकार की कार्यप्रणाली राज्य भर में लागू करने की दिशा में काम किया जाएगा।