महात्मा ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले स्मारक के उद्घाटन किया गया (सोर्स: एक्स@Dev_Fadnavis)
नासिक: नासिक के मुंबई नाका स्थित सावित्रीबाई फुले चौक पर भव्य स्मारक में महात्मा जोतीराव फुले एवं ज्ञान ज्योति सावित्रीबाई फुले की कांस्य की अर्धाकृती सबसे बड़ी प्रतिमा के अनावरण किया गया। मंत्री छगन भुजबल की संकल्पना से तैयार किए गए इस स्मारक एवं प्रतिमा का अनावरण मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को किया। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार के अलावा राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री छगन भुजबल भी मौजूद रहे।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने इस मौके पर कहा कि महात्मा जोतीराव फुले ब्राह्मण विरोधी नहीं थे बल्कि उन्होंने ब्राह्मणवाद का विरोध किया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि सावित्रीबाई फुले एक कवयित्री थीं। ज्योतिबा और सावित्रीबाई ने यशवंत नाम के एक ब्राह्मण के बेटे को गोद लिया था।
🕔 4.55pm | 28-9-2024📍Savitribai Phule Chawk, Nashik | संध्या. ४.५५ वा. | २८-९-२०२४📍सावित्रीबाई फुले चौक, नाशिक.
🔸Inauguration of Krantisurya Mahatma Jyotirao Phule and Dnyanjyoti Savitribai Phule memorial and e-inauguration of various works
🔸क्रांतिसूर्य महात्मा ज्योतिराव… pic.twitter.com/hWOTfGWdsu— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) September 28, 2024
इस मौके पर इस मौके पर सीएम शिंदे ने कहा कि महात्मा ज्योतिराव फुले और ज्ञानज्योती सावित्रीबाई फुले सामाजिक समानता के प्रतीक हैं। उन्होंने किसानों, मेहनतकशों, महिलाओं और श्रमिकों के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। उनका कार्य महाराष्ट्र के साथ-साथ विश्व के लिए भी सराहनीय है। महापुरुषों के स्मारक प्रेरणा, ऊर्जा और मार्गदर्शन देते हैं।
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इसी तरह मंत्री भुजबल ने कहा कि महात्मा फुले और सावित्रीबाई को अपने जीवनकाल में कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। उनकी मृत्यु के बाद भी उनके विचारों पर आक्रमण करके उन्हें नष्ट करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनके अविभाज्य विचार बने रहे। उन्होंने आगे कहा कि मुंबई बंदरगाह पर लगी ये प्रतिमाएं बहुत मजबूत हैं और अजेय रहेंगी, हम समाज में महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले के विचारों को स्थापित करने के लिए काम करते रहेंगे।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि फुले ने समाज में व्याप्त मतभेदों और असमानताओं के खिलाफ जाकर दुनिया को जीतने का काम किया। इस व्यवस्था को तोड़ने में सावित्रीबाई को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। आज हमारी महिला बहनें हर क्षेत्र में आगे हैं। एक बड़े संघर्ष के बाद भिडे वाडा को मुक्त कराया गया। प्रधानमंत्री मोदी रविवार को पुणे में फुले के राष्ट्रीय स्मारक की आधारशिला रखेंगे।
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उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि मैंने महाराष्ट्र में इतनी बड़ी अर्धाकृत प्रतिमा नहीं देखी। इस स्मारक ने नासिक की प्रतिष्ठा बढ़ा दी है। उन्होंने आगे दावा किया कि ऐसे दस्तावेज उपलब्ध हैं जिनसे साबित होता है कि महात्मा फुले पुणे से रायगढ़ तक पैदल चले और इस दौरान उन्होंने घांस झाड़ियों में छिपी शिवराय की समाधि की खोज की। उन्होंने समाधि स्थल की सफाई की और फूल चढ़ाए। बाद में महात्मा फुले ने पुणे में शिव छत्रपति समारोह की शुरुआत की।
एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने कहा कि हम शिव छत्रपति-फुले-शाहू-आंबेडकर की विचारों से शासन चलाते हैं। राज्य में महापुरुषों को ध्यान में रखकर ही निर्णय लिये जाते हैं। मैंने प्रधानमंत्री मोदी से क्रांतिज्योति सावित्री बाई फुले को भारत रत्न देने का अनुरोध किया है।