नासिक 1 लाख किसान किस्त से वंचित (pic credit; social media)
PM Kisan Samman Nidhi Scheme: पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं किस्त में नासिक जिले के करीब 1 लाख किसान अब भी अपने हक के पैसों से वंचित हैं। ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने के बावजूद इन किसानों के खाते में राशि नहीं पहुंची है। कारण, तकनीकी गड़बड़ियां और बैंक लिंकिंग में देरी।
कृषि विभाग के अनुसार, जिले के कुल 4 लाख 53 हजार 652 किसानों में से 4 लाख 48 हजार 75 किसानों ने सफलतापूर्वक ई-केवाईसी पूरी कर ली है। यानी नाशिक ने पूरे महाराष्ट्र में ‘ई-केवाईसी मॉडल’ पेश किया है। बावजूद इसके, करीब एक लाख किसान ऐसे हैं जिनके बैंक खातों में अभी तक 20वीं किस्त की राशि नहीं पहुंची।
मिली जानकारी के मुताबिक, इन किसानों के दस्तावेजों में तकनीकी त्रुटियां हैं। जैसे आधार नंबर का बैंक खाते से लिंक न होना, गलत बैंक विवरण या आधार प्रमाणीकरण में समस्या। इन कारणों से ट्रांजैक्शन अटक गए हैं। कृषि विभाग ने अब इस समस्या को हल करने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है। प्रत्येक तहसील में स्वतंत्र कर्मचारी तैनात किए गए हैं जो किसानों की समस्याएं मौके पर ही सुलझा रहे हैं।
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अधिकारियों का कहना है कि यह राहत कार्य तेजी से चल रहा है। जैसे ही बैंक और आधार लिंकिंग की प्रक्रिया पूरी होगी, सभी पात्र किसानों के खातों में राशि सीधे जमा कर दी जाएगी। “किसान वंचित नहीं रहेंगे, यह सरकार की गारंटी है,” एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा।
नासिक जिले के देवला, इगतपुरी, सिन्नर, निफाड़ और मालेगांव जैसे कृषि प्रधान क्षेत्रों में सबसे ज्यादा किसान प्रभावित हैं। कृषि विभाग ने बताया कि जिले में 5 हजार 577 किसानों का ई-केवाईसी अभी भी अधूरा है। इसके लिए कैंप लगाए जा रहे हैं ताकि दिवाली से पहले सबको भुगतान मिल सके।
ई-केवाईसी प्रक्रिया क्यों जरूरी है? केंद्र सरकार के अनुसार, इसका मकसद धोखाधड़ी रोकना और केवल पात्र किसानों को ही वित्तीय सहायता सुनिश्चित करना है। हर साल किसानों को तीन किस्तों में कुल 6 हजार रुपये दिए जाते हैं।
नासिक प्रशासन का दावा है कि इस बार ई-केवाईसी पूरा करने में जिले ने राज्य में पहला स्थान हासिल किया है। अब सरकार की प्राथमिकता है। “एक भी पात्र किसान का हक न छूटे।”