नासिक में जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश न्यायालय का उद्घाटन करते उपमुख्यमंत्री अजित पवार व अन्य (सोर्स: एक्स@AjitPawarSpeaks)
नासिक: न्याय व्यवस्था का विस्तार और सुधार प्रगतिशील समाज की नींव है। बढ़ती आबादी और अदालती मामलों के कारण न्यायालयों पर काम का बोझ बढ़ रहा है। इससे निपटने के लिए राज्य सरकार सुविधाएं मुहैया कराकर राज्य में न्याय व्यवस्था को मजबूत कर रही है।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भरोसा जताया कि नासिक रोड पर नई अदालत न्याय प्रदान करने की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी और कुशल बनाएगी। बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस मकरंद कार्णिक ने कहा कि न्यायालय यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि न्यायिक प्रणाली के माध्यम से हर व्यक्ति, खासकर वंचितों के अधिकारों की रक्षा की जाए।
बंबई उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति मकरंद कार्णिक व उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने किया नासिक रोड पर जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश तथा वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश न्यायालय का उद्घाटन, ई-सेवा केंद्र तथा ई-लाइब्रेरी का उद्घाटन किया।
इस कार्यक्रम में खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री नरहरी झिरवाल, न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल, न्यायमूर्ति संदीप कुमार मोरे, न्यायमूर्ति किशोर संत, न्यायमूर्ति मिलिंद सथाये, जिला कलेक्टर जलज शर्मा, नगर आयुक्त मनीषा खत्री सहित कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि नासिक रोड पर नई अदालत की स्थापना से लंबित मामलों का तेजी से निपटारा करने में मदद मिलेगी, जिससे न्याय वितरण प्रक्रिया में दक्षता आएगी। उन्होंने यह भी बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में राज्य में 3 नए आपराधिक कानूनों भारतीय न्याय संहिता, नागरिक सुरक्षा संहिता और साक्ष्य संहिता के कार्यान्वयन की समीक्षा की।
राज्य सरकार राज्य में कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस प्रयास के तहत, पूरे राज्य में 27 मोबाइल फोरेंसिक वैन तैनात की गई हैं। इन वैन की मदद से अपराध स्थलों पर फोरेंसिक मेडिकल जांच की जा सकेगी और इसके लिए पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
इसके अलावा वडाला में बॉम्बे हाई कोर्ट के लिए एक नए, अत्याधुनिक भवन के निर्माण के लिए धन आवंटित किया जाएगा। राज्य सरकार ने न्यायिक बुनियादी ढांचे के विकास का लगातार समर्थन किया है और नए हाई कोर्ट भवन को डिजाइन करने के लिए प्रसिद्ध वास्तुकारों को नियुक्त किया गया है।
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सरकार अदालतों में आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने और यह सुनिश्चित करने के लिए भी काम कर रही है कि न्याय प्रणाली समाज के सबसे कमजोर सदस्यों तक पहुंचे। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कानूनी सहायता समितियों सहित विभिन्न पहलों को लागू किया जा रहा है।
मोबाइल फोरेंसिक वैन की तैनाती देश भर में फोरेंसिक बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है। भारत सरकार ने फोरेंसिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए एक राष्ट्रीय योजना शुरू की है, जिसमें 2024-25 से 2028-29 की अवधि के लिए 2254.43 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इस पहल का उद्देश्य फोरेंसिक पेशेवरों की कमी को दूर करना, फोरेंसिक प्रयोगशालाओं में लंबित मामलों को कम करना और फोरेंसिक सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाना है।