चांदवड़ : प्याज फसल (Onion Crop) को प्रतिक्विंटल 3 हजार रुपए दाम और कम में बिके प्याज को प्रतिक्विंटल 1500 रुपए केंद्र सरकार (Central Government) की ओर से तुरंत अनुदान घोषित किया जाए अन्यथा चांदवड़ तहसील (Chandwad Tehsil) किसान सभा तीव्र रूप का आंदोलन करेगी यह चेतावनी भरा ज्ञापन प्रांताधिकारी चंद्रशेखर देशमुख का दिया गया।
इन दिनों बाजार में प्याज औने-पौने दामों पर बिक रहा है। बीज, खेती, रासायनिक उर्वरक, श्रम, परिवहन, कटाई की लागत, इनमें से कोई भी लागत आज के बाजार मूल्यों से पूरी नहीं होती है। प्याज की फसल में प्रति एकड़ 70 से 80 हजार का खर्च आता है। जब प्याज के दाम बढ़ जाते हैं तो सरकार निर्यात पर एकतरफा रोक लगा देती है, प्याज को एक महत्वपूर्ण वस्तु के रूप में शामिल कर लेती है, कीमत कम करने के लिए प्याज का आयात करती है और एक तरफ सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती है। वहीं दूसरी ओर प्याज की कीमतों को नियंत्रण/स्थिर रखने के लिए सरकार दोहरी भूमिका निभा रही है। वैसे तो देश के 27 राज्यों में प्याज का उत्पादन होता है, लेकिन प्याज के बाजार भाव में गिरावट के लिए निर्यात प्रतिबंध नीति जिम्मेदार है।
देश में प्रति वर्ष लगभग 175 लाख मीट्रिक टन प्याज की आवश्यकता होती है। लेकिन उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए इसे प्याज उत्पादकों से सस्ते दामों पर लिया जाता है। जबकि एक तथ्य यह भी है कि कृषि प्रधान देश में किसान बचेगा तो देश बचेगा, महाराष्ट्र का प्याज, विशेषकर नासिक जिले का प्याज अपने विशेष स्वाद और प्राकृतिक गुणों के कारण मांग में है क्योंकि इसकी भारी कमी है।
दुनिया के 105 देशों में चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा प्याज उत्पादक देश है। अगर केंद्रीय नीति आम तौर पर निर्धारित की जाए तो भारत दुनिया के कुल प्याज निर्यात का 45% निर्यात करने वाला देश है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दुनिया में प्याज की भारी मांग होने के बावजूद प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की केंद्र की नीति प्याज के बाजार भाव में गिरावट के लिए जिम्मेदार है। ऐसी नाराजगी अंतरराष्ट्रीय व्यापार संगठन ने भी साल 2021 से पहले ही जताते हुए कहा है कि भारत ने अचानक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। दक्षिण कोरिया, अमेरिका, जापान, स्विट्जरलैंड, ताइवान आदि 75 देशों में आज भी प्याज औसतन 161 रुपये से 235 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। बाकी 25 देशों में इसे औसतन 50 रुपए प्रति किलो बेचा जा रहा है। ऐसे में निश्चित निर्यात नीति के अभाव में भारत में प्याज औने-पौने दामों पर बिक रहा है। इससे प्याज उत्पादक किसान मायूस हो गए हैं।
चांदवड़ तहसील किसान सभा अध्यक्ष अॅड. दत्तात्रेय गांगुर्डे, सचिव अॅड. गणेश ठाकरे, संयुक्त सचिव किरण डावखर, भास्करराव गांगुर्डे, शांताराम चव्हाण, अॅड. दिनकरराव वलंज, संतोष घुले, अॅड. दीपक पवार, पवन जाधव, निवृत्ती सावंद्रे, अॅड. सुदर्शन पानसरे, राम परवे, अशोक निरभवणे, पुंजाराम वाघचौरे, शैलेश मोरे, ज्ञानेश्वर रकीबे, छबू पुरकर, शुकदेव केदारे आदि ने ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।