जलगांव जिला परिषद (pic credit; social media)
Jalgaon ZP Teacher Transfer Scam: बच्चों को नैतिकता सिखाने वाले खुद नियम तोड़ रहे हैं। जलगांव जिला परिषद के प्राथमिक शिक्षकों से जुड़ा ये मामला सुनकर हर कोई यही कह रहा है। ZP की हालिया तबादला प्रक्रिया में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। कुल 93 शिक्षकों पर आरोप है कि उन्होंने बोगस दिव्यांग प्रमाणपत्र का इस्तेमाल कर मनचाही जगह तबादला करवाया।
अब इस पूरे घोटाले की जांच शुरू हो चुकी है। जिला परिषद के आदेशानुसार, जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज की टीम ने इन 93 शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की सख्त जांच शुरू कर दी है।
मिली जानकारी के मुताबिक, जांच रिपोर्ट जल्द ही ZP प्रशासन को सौंपी जाएगी। रिपोर्ट के बाद दोषी पाए गए शिक्षकों पर कड़ी अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई तय मानी जा रही है।
दरअसल, इस साल शैक्षणिक सत्र के बीच में ही शिक्षकों के तबादले किए गए थे। सरकार के नियमों के अनुसार, दिव्यांग शिक्षकों को ट्रांसफर में विशेष प्राथमिकता दी जाती है। लेकिन कई शिक्षकों ने इस नियम का गलत फायदा उठाकर फर्जी दिव्यांगता का दावा किया। अब सवाल उठ रहा है कि अगर “ज्ञान देने वाले ही इस तरह से छल करें, तो शिक्षा व्यवस्था पर आम जनता कैसे भरोसा करेगी?
ZP प्रशासन ने साफ किया है कि जांच पूरी होने के बाद किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “फर्जी प्रमाणपत्र देकर लाभ उठाने वालों पर कार्रवाई तय है। इससे न केवल अनुशासन बहाल होगा, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता भी लौटेगी।”
यह मामला सिर्फ एक विभागीय जांच नहीं, बल्कि नैतिकता की परीक्षा भी बन गया है। क्योंकि जब शिक्षक ही झूठे प्रमाणपत्रों के सहारे अपनी सुविधा के लिए नियम तोड़ेंगे, तो बच्चे ईमानदारी का पाठ किससे सीखेंगे?