नागपुर जिला परिषद (फाइल फोटो)
Zilla Parishad Election: स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारी में सभी पार्टियों के साथ ही चुनाव आयोग भी जुट गया है। जिला परिषद के सर्कल आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज किए जाने से चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। चुनाव आयोग ने मतदाता सूची कार्यक्रम भी घोषित कर दिया है। अब सर्कल आरक्षण का इंतजार किया जा रहा है।
पहले कहा जा रहा था कि जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव पहले चरण में और फिर नगर परिषद व नगर पंचायत और अंत में तीसरे चरण में महानगर पालिकाओं के चुनाव होंगे। अब कयास लग रहे हैं कि यह क्रम बदल सकता है। पहले नगर परिषद और नगर पंचायतों, उसके बाद महानगर पालिकाओं और अंत में जिला परिषदों के चुनाव कराए जाएंगे।
बता दें कि ओबीसी आरक्षण के मुद्दे के चलते पिछले तीन-साढ़े तीन वर्षों से स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव नहीं हो सके हैं। लगभग सभी संस्थाओं पर प्रशासक नियुक्त किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के मुद्दे का निपटारा करते हुए अक्टूबर 2025 तक सभी चुनाव करवाने के आदेश दिए थे लेकिन सरकार द्वारा समयसीमा बढ़ाने की मांग पर कोर्ट ने 31 जनवरी, 2026 तक सभी चुनाव संपन्न कराने का आदेश दिया है।
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राजनीतिक महकमे की मानें तो सरकार ग्रामीण भागों में पहले चुनाव नहीं चाहती क्योंकि प्राकृतिक आपदा के चलते ग्रामीण जनता परेशान है। नाराजगी का असर जिला परिषद चुनाव में पड़ सकता है। एक चर्चा यह भी है कि भाजपा द्वारा चुनाव पूर्व कराए गए सर्वे में ग्रामीण क्षेत्रों में नाराजगी जबकि शहरी क्षेत्रों में अपेक्षाकृत संतोषजनक फीडबैक मिला है। इसलिए जिला परिषद चुनावों को अंत में रखा जा सकता है।