सुनील केदार (फाइल फोटो)
नागपुर. विधानसभा चुनाव के सभी राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। विधानसभा चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए पदाधिकारी और कार्यकर्ता सभी एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो जाएगी। ऐसे में रामटेक लोकसभा में किंगमेकर बन चुके कांग्रेस नेता सुनील केदार मैदान में उतर गए हैं जिससे कई लोग चौंक गए हैं। इस बीच विपक्षी दल केदार के ‘दम’ को कम करने के लिए तरह-तरह की कोशिशें करते नजर आ रहे हैं।
नागपुर जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक (एनडीसीसी) घोटाले में दोषी करार दिए गए सुनील केदार ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। दूसरी ओर राज्य सरकार ने उन्हें रोकने के लिए कोर्ट में मजबूत पक्ष रखने के लिए महाधिवक्ता को मैदान में उतारा है। ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल पैदा हो गया है कि क्या सुनील केदार का विधानसभा चुनाव लड़ना संभव है? इस संबंध में फैसला 2 जुलाई को हाई कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर निर्भर करेगा।
ज्ञात हो कि 22 दिसंबर 2023 को अदालत ने केदार और 6 अन्य को 5 वर्षों के सश्रम कारावास और 12.50 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। सभी आरोपियों ने जमानत के लिए अर्जी दी थी। शुरुआत में केदार ने सेशन कोर्ट में सजा पर रोक और जमानत के लिए अर्जी दी थी। इसे सेशन कोर्ट ने खारिज कर दिया था, फिर उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद सुनवाई न्यायाधीश उर्मिला जोशी-फाल्के के समक्ष हुई। एड. सुनील मनोहर ने केदार का प्रतिनिधित्व किया, जबकि एड. देवेन्द्र चौहान ने उनका समर्थन किया था। कोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया। करीब 5 महीने की अवधि के बाद अब केदार ने सजा पर रोक लगाने के लिए आवेदन किया है।
पूर्व मंत्री सुनील केदार को 5 वर्ष जेल की सजा सुनाई गई है और उनकी विधायकी रद्द कर दी गई है। इतना ही नहीं, नियमों के मुताबिक वे अगले 6 वर्षों तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ सकते। हालांकि अब उन्होंने सजा पर रोक लगाने के लिए आवेदन किया है। यदि उनकी सजा निलंबित हो जाती है तो उन्हें अपनी विधायकी वापस मिल जाएगी। इसके बाद केदार आगामी चुनाव भी लड़ सकते हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 2 जुलाई को होने की संभावना है।