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नागपुर. रेलवे बोर्ड ने कोविड काल में लगाए गए सभी प्रतिबंध वापस ले लिए हैं. साथ ही यात्री ट्रेनों का दर्जा स्पेशल से हटाकर फिर नियमित कर दिया है जिससे यात्रियों को रिजर्वेशन के लिए स्पेशल चार्ज नहीं देना पड़ रहा. हालांकि जनरल टिकट बुकिंग को लेकर अब भी यात्रियों में भ्रम की स्थिति है. बोर्ड फरवरी में ही घोषणा कर चुका है कि अब ट्रेनों में जनरल टिकट के लिए रिजर्वेशन नहीं कराना पड़ेगा. लेकिन यह व्यवस्था 1 जुलाई से लागू होनी है. इसे लेकर अब भी यात्रियों को कई ट्रेनों में सफर से पहले असंमजस की स्थिति से गुजरना पड़ता है.
इनमें से अधिक परेशानी इंटरसिटी और फास्ट पैसेंजर ट्रेनों में जनरल टिकट बुकिंग के लिए होती है. इतवारी-रायपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस और टाटानगर पैसेंजर में जनरल क्लास अब भी सेकंड सीटर के तौर पर चल रहा है. ऐसे में टिकट बुकिंग को लेकर यात्री परेशान रहते हैं कि उन्हें जनरल क्लास में भी रिजर्वेशन कराना होगा या फिर स्टेशन पर पहुंचकर काउंटर से सीधे टिकट मिल जाएगी. इसके अलावा एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए भी यात्रियों को ऐसी स्थिति से गुजरना पड़ रहा है.
जनरल कोच को सेकंड सीटिंग बनाने से सबसे ज्यादा दिक्कत श्रमिक वर्ग को होती थी. यहां से कमाने-खाने बड़ी संख्या में लोग बाहर जाते हैं. नागपुर में भी छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश से बड़ी संख्या में मजदूरों की आवाजाही रहती है. ये लोग पहले टिकट लेकर सीधे जनरल डिब्बें में जाकर बैठ जाते थे लेकिन अब रिजर्वेशन से उन्हें फार्म भरने से लेकर आरक्षण कराने तक जद्दोजहद करनी पड़ती है.
हालांकि सभी ट्रेनों का परिचालन नियमित होने के साथ ही पुराने सभी नियम लागू कर दिए गए हैं जिसके तहत 4 माह पहले ट्रेनों में सफर के लिए आरक्षण भी किए जा रहे हैं. इस नियम में फरवरी में ही यात्रियों ने सेकंड सीटिंग की बुकिंग कर ली थी. इसकी वजह से सेकंड सीटिंग कोच को जुलाई तक यथावत रखने का निर्णय लिया गया है. नियमानुसार, नियमित ट्रेनों में रिजर्वेशन सिस्टम में बुकिंग संबंधी बदलावों के लिए 120 दिन का इंतजार करना ही पड़ता है.






