नागपुर में बड़ी टेकरी और छोटी टेकरी के ऊपर स्थित सीताबर्डी किला शहर के समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। हमारे शहर नागपुर के गौरवशाली इतिहास से नई पीढ़ी को अवगत कराने के उद्देश्य से महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम ने किले के भ्रमण की यह पहल की है। इसके एक भाग के रूप में ऐतिहासिक सीताबर्डी किले की यात्रा का आयोजन किया गया।
गोंड राजा भक्त बुलंद शाह द्वारा 1702 में निर्मित , यह किला महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहा है। इस यात्रा में छात्रों, पर्यटकों, टूर ऑपरेटरों और टूर गाइडों ने भाग लिया। भ्रमण के दौरान भारतीय सेना के गाइड अभिजीत कोल्हे ने सीताबर्डी किले के बारे में ऐतिहासिक जानकारी दी।
सबसे उल्लेखनीय 1817 में एंग्लो-मराठा युद्ध के दौरान सीताबर्डी की लड़ाई है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को 1923 में इसी किले में कैद किया गया था। उनके जूते और अन्य सामान यहां संरक्षित किए गए हैं। किले में एक बड़ा तालाब है।
आधुनिक नागपुर के व्यस्त व्यावसायिक केंद्र से घिरा यह प्रतिष्ठित किला अपने आकर्षक अतीत और रणनीतिक स्थान के कारण आगंतुकों को आकर्षित करता रहता है।भारतीय सेना के गाइड ने छात्रों, पर्यटकों, टूर ऑपरेटरों और टूर गाइडों को ब्रिटिश काल के दौरान अश्वेतों को दंडित करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली अंधेरी कोठरी, युद्ध के दौरान दुश्मनों पर गोला-बारूद दागने के स्थान, किले की रक्षा चौकियों, ब्रिटिश अधिकारियों की कब्रों, जॉर्ज पंचम और रानी द्वारा लोगों को संबोधित करने के स्थान आदि के बारे में जानकारी प्रदान की।
भारतीय सेना ने एंग्लो-मराठा युद्ध के दौरान बहादुरी से लड़ने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए सीताबर्डी किले को युद्ध स्मारक के रूप में बनाए रखा। इस किले के ऐतिहासिक अभिलेख भारतीय सेना द्वारा विभिन्न स्थानों पर दर्ज किए गए हैं। नई पीढ़ी ने ज्ञानवर्धन एवं किले के संरक्षण के माध्यम से ऐतिहासिक किले के बारे में जानकारी प्राप्त की। वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक दिनेश कांबले ने बताया कि इसी प्रकार की ऐतिहासिक यात्राएं आयोजित की जाएंगी।
किले के अंदर एक स्मारक बना है जो युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देता है। छात्रों और पर्यटकों ने इस यात्रा का भरपूर आनंद उठाया। इस यात्रा में पर्यटन विभाग के अधिकारी सुनील येनालकर एवं कर्मचारियों के साथ-साथ अन्य विभागों के अधिकारी एवं शिक्षक भी शामिल हुए।