डीआएरएम ऑफिस में रेड (सौजन्य-नवभारत, सोशल मीडिया)
Nagpur DRM Office: मध्य रेलवे के नागपुर मंडल के कार्मिक शाखा में कार्यरत एक ऑफिस सुपरिटेंडेंट (ओएस) को रेलवे के सतर्कता विभाग ने 25,000 रुपये बतौर रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा। आरोपी का नाम रोशन कुंभलवार बताया गया है और वह स्वयं विकलांग है। यह कार्रवाई मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) कार्यालय स्थित सेटलमेंट सेक्शन में की गई जहां आरोपी अधिकारी रोशन ने शिकायतकर्ता महिला से चिह्नित नोट स्वीकार किए।
बताया जा रहा है कि कार्मिक शाखा में यह अपनी तरह का पहला ट्रैप है। सूत्रों के अनुसार, रोशन सेटलमेंट सेक्शन में उन 2 कर्मचारियों में से एक है, जिन्हें सेवानिवृत्त अथवा दिवंगत रेल कर्मियों से संबंधित मामलों के निपटारे की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वे अपने वरिष्ठ अधिकारी के साथ मिलकर इस सेक्शन का संचालन करते थे।
घटना के अनुसार, शिकायतकर्ता एक महिला है जिसने भारतीय रेलवे द्वारा अविवाहित बेटियों के लिए शुरू की गई पारिवारिक पेंशन योजना के लाभ हेतु आवेदन किया था। उसके माता-पिता का निधन हो चुका था, इसलिए उसने अपनी बहन की ओर से यह आवेदन प्रस्तुत किया। उक्त पेंशन की राशि न्यूनतम 14,000 रुपये प्रति माह होती है।
आरोप है कि कुंभलवार ने इस आवेदन पर अनुकूल निर्णय लेने में जानबूझकर देरी की और बाद में पेंशन स्वीकृति के बदले 54,000 रुपये की रिश्वत मांगी लेकिन काफी मानमनुव्वल के बाद वह 25,000 रुपये में मान गया।
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सूत्रों के अनुसार, कुंभलवार और उसके वरिष्ठ अधिकारी को पहले रनिंग ब्रांच में पदस्थ किया गया था लेकिन कार्यप्रणाली की समीक्षा के बाद दोनों को कार्मिक शाखा में स्थानांतरित किया गया। बताया जा रहा है कि कुंभलवार ने वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति से डीआरएम कार्यालय परिसर में बैनर लगवाया था जिसमें रेल कर्मियों या उनके आश्रितों को व्यक्तिगत रूप से सेटलमेंट मामलों में उससे संपर्क करने की अपील की गई थी। सतर्कता विभाग की इस कार्रवाई से मंडल के प्रशासनिक हलकों में सनसनी फैल गई है और कार्मिक शाखा के कामकाज पर कई सवाल खड़े हो गए हैं।