दृगधामना मे शहीद सोमनाथ सूर्यवंशी को दि गई श्रद्धांजली, (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Davlameti: पुलिस कस्टडी मे मरने वाले वडार समाज के शहीद सोमनाथ सूर्यवंशी को न्याय मिलने के लिए अथक प्रयन्त करने वाले वंचित बहुजन आघाडीके राष्ट्रीय नेता ऍड. बालासाहेब आंबेडकर का सन्मान व्यक्त करने का कार्यक्रम दृगधामना के वडार समाज की ओर से गुरुवार को आयोजन किया गया।
सर्व प्रथम शहीद सोमनाथ सूर्यवंशी को सामूहिक श्रद्धांजली दि गई। उपरी पढाई की प्रेरणा मिलने हेतू वडार समाज के 120 विद्यार्थियो को प्रमाण पत्र एवम स्कुली उपयोगी वस्तू देकर वंचित बहुजन आघाडी नागपूर ग्रामीण तालुका एवम दवलामेटी शाखा की ओर से सत्कार किया गया। दृगधामना गाव मे वडार समाज के लोग जिस बस्ती मे रहते है उसे वडार बस्ती के नाम से जाणा जाता है ये बोहत ही दुर्भाग्य पूर्ण होणे से ईस पुरी बस्ती का नामकरण “शहीद सोमनाथ सूर्यवंशी नगर” करने का निर्णय लिया गया ईस संदर्भ मे जल्द ही ग्रामपंचायत को लिखित निवेदन दिया जायेगा।
कार्यक्रम सफलता हेतू विजय अतकर, रुचिका अतकर एवम वडार समाजके मारोती इटकर, पिलाजी पवार, मुकुंदा मांजरेकर, रवी मिरेकर मोहन देवकर, ने अथक प्रयत्न किये। कार्यक्रम के अध्यक्ष वंचित बहुजन आघाडी नागपूर जिल्हा ग्रामीण अध्यक्ष अजय सहारे एवम प्रमुख वक्ता की तौर पर गोंदिया, भंडारा जिल्हा प्रभारी भगवानजी भोंडे उपस्थिती थे।
प्रमुख उपस्थितीत जिल्हा सचिव सोनियाताई वानखेडे, दवलामेटी ग्रा चा माजी सरपंच व सदस्य रिता उमरेडकर, राणी काटे, अर्जुन बोरकर मंच पर उपस्थिती थे। कार्यक्रम का प्रास्तविक नागेश बोरकर, संचालन प्रकाश मेश्राम ने किया। कार्यक्रम मे बंटी बोरकर, नागनाथ काटे, श्रीकांत रामटेके, विनायक घुमटकर, अभिजित मेश्राम, रमेश गजभिये, सिद्धार्थ मेश्राम, राजेंद्र गजभिये, रईस डोंगरे, वामन वाहने, राहुल लांमसोंगे एवम बडी मात्र मे वडार समाज की महिला, पुरुष, विद्यार्थि उपस्थिती थे।
ये भी पढ़े: चिता तैयार…और ‘जिंदा’ हो गया शख्स, नासिक में हैरान करने वाली घटना
बता दें कि सोमनाथ सूर्यवंशी मामले की औरंगाबाद खंडपीठ में सुनवाई हुई। प्रकाश अंबेडकर स्वयं सुनवाई में मौजूद थे। अदालत ने पुलिस महानिदेशक को अगले एक हफ्ते के भीतर एसआईटी गठित करने का आदेश दिया। सरकार द्वारा गठित समिति को मंजूरी नहीं मिली। एसआईटी के गठन के बाद, सरकार द्वारा गठित समिति के पास मौजूद सभी दस्तावेज़ उसे सौंप दिए जाएं। अगर याचिकाकर्ताओं को जांच को लेकर कोई समस्या महसूस होती है, तो उन्हें अदालत में आवेदन करने की अनुमति दी गई है। अदालत ने सरकार के कामकाज पर नाराजगी जताई है। अदालत ने अगले तीन हफ्तों में हलफनामा दाखिल करने को भी कहा है।