हाई कोर्ट (फाइल फोटो)
Nagpur News: राजीव गांधी राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा प्रबंधन संस्थान में बतौर ट्रेडमार्क के कॉन्ट्रैक्ट परीक्षक की सेवाएं अचानक समाप्त किए जाने को चुनौती देते हुए गोरेवाड़ा रोड स्थित उत्थाननगर साई सेवाश्रम सोसाइटी निवासी चिन्मय सिंगेवार की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। इस पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने सेवा समाप्ति को चुनौती देनेवाली यह याचिका खारिज कर दी।
कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि एग्रीमेंट के आधार पर की गईं नियुक्तियों में निर्धारित अवधि समाप्त होने के बाद सेवा जारी रखने का कोई अधिकार नहीं बनता है। 15 अप्रैल, 2024 को याचिकाकर्ता की सेवा अचानक समाप्त कर दी गई थी। प्रतिवादी के रूप में पेरेंट्स, डिज़ाइन और ट्रेडमार्क्स के नियंत्रक जनरल, ट्रेडमार्क्स के वरिष्ठ संयुक्त रजिस्ट्रार और भारतीय गुणवत्ता परिषद शामिल थे।
याचिकाकर्ता को शुरू में 21 जून, 2023 को 6 महीने के लिए ठेके के आधार पर नियुक्त किया गया था। इसके बाद उनकी नियुक्ति को 30 अप्रैल, 2024 तक के लिए बढ़ाया गया था। न्यायालय ने रिकॉर्ड का अवलोकन करते हुए पाया कि यह नियुक्ति केवल परियोजना और आवश्यकता आधारित पेशे से जुड़ाव थी।
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कोर्ट ने उल्लेख किया कि 15 अप्रैल, 2024 को याचिकाकर्ता को ईमेल के माध्यम से सूचित किया गया था कि चूंकि एग्रीमेंट की अवधि 30 अप्रैल, 2024 को समाप्त हो रही है, इसलिए उनकी सेवाएं भी समाप्त हो जाएंगी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि नियुक्ति आदेश के तहत याचिकाकर्ता के पक्ष में निर्धारित अवधि समाप्त होने के बाद सेवा जारी रखने का कोई अधिकार नहीं बनता है।
न्यायालय ने यह भी पाया कि यह पद न तो स्थायी था और न ही स्वीकृत था। फैसले में बताया गया कि यदि मौजूदा कार्यकाल से पहले सेवा बंद करनी होती तो 15 दिन का पूर्व नोटिस देना आवश्यक था। प्रतिवादी अधिकारियों ने सेवा समाप्ति से पहले 15 दिन का पूर्व नोटिस दिया था।