मराठा आरक्षण मोर्चा (सौजन्य-एक्स)
Maratha Reservation: मराठा समाज के आंदोलक नेता मनोज जरांगे के मुंबई में आंदोलन से सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वहीं सिटी में ओबीसी समाज ने प्रत्युत्तर के लिए आंदोलन शुरू कर दिया है। जरांगे मुंबई के आजाद मैदान में दहाड़ रहे हैं तो संविधान चौक पर ओबीसी भी आक्रामक नजर आ रहे हैं। पहले दिन 21 ओबीसी कार्यकर्ताओं ने अनशन में हिस्सा लिया। अनशन मंडप में भाजपा, कांग्रेस के विधायक, सांसद ने भेंट देकर अपना समर्थन दर्शाया।
राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के अध्यक्ष डॉ. बबनराव तायवाडे के नेतृत्व में आंदोलन शुरू किया गया है। सरकार को जो निर्णय लेना है ले लेकिन ओबीसी कोटा से मराठाओं को आरक्षण नहीं दिए जाने की गारंटी पहले ही सरकार दे चुकी हैं। संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण इस तरह से खत्म नहीं किया जा सकता।
तायवाडे ने बताया कि जरूरत पड़ने पर इस मामले में एक बार फिर से सरकार से मुलाकात की जाएगी। संविधान ने सभी को आंदोलन करने व अपनी मांग रखने का अधिकार दिया है। मराठा समाज अपनी मांगों के लिए आंदोलन कर रहा है। उनके आंदोलन को विरोध नहीं है लेकिन ओबीसी से आरक्षण देने की मांग का विरोध करते हैं। सरकार संवैधानिक पेंच निर्माण नहीं करेगी, ऐसी अपेक्षा है।
इस दौरान आंदोलन में भाजपा व कांग्रेस के कुछ विधायकों और सांसदों ने भी अपना समर्थन घोषित किया। कांग्रेस विधायक अभिजीत वंजारी ने बताया कि कांग्रेस ओबीसी से मराठा समाज को आरक्षण देने का विरोध करती है। साथ ही सरकार किसी दबाव में आकर निर्णय न ले। भाजपा के विधायक परिणय फुके ने बताया कि जरांगे के आंदोलन से ओबीसी समाज में असंतोष निर्माण हो गया है। ओबीसी समाज में किसी भी तरह की हिस्सेदारी नहीं होगी और आरक्षण को धक्का नहीं लगेगा।
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ओबीसी महासंघ की मांगें मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का प्रयास करने का आश्वासन फुके ने दिया। उन्होंने सवाल उपस्थित किया कि जरांगे के आंदोलन को महाविकास आघाड़ी के नेताओं का भी समर्थन मिल रहा है क्या। भाजपा विधायक आशीष देशमुख ने आंदोलन में हिस्सा लेकर नारेबाजी भी की।