स्पेशल ट्रेनों का फ्लाप मैनेजमेंट (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Korba-Itwari MEMU: दक्षिण पूर्व मध्य रेल द्वारा बुधवार को इतवारी और कोरबा के बीच फेस्टिवल स्पेशल के तौर पर 06883/84 मेमू स्पेशल की घोषणा की गई। खास बात यह रही कि इस ट्रेन का परिचालन इतवारी से गुरुवार, 23 अक्टूबर को सुबह 5 बजे से किया जाएगा। ऐसे में यात्रियों को इस स्पेशल मेमू ट्रेन की जानकारी कैसे मिलेगी, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
एसईसीआर के डिप्टी सीओएम अजय फ्रांसिस डेनियन द्वारा हस्ताक्षरित आदेश (ओपीटीजी/एसईसीआर/सीएचजी/स्पेशल/105/25) के अनुसार ट्रेन 06883 इतवारी-कोरबा मेमू गुरुवार 23 अक्टूबर को इतवारी से सुबह 5 बजे रवाना की जानी थी जिसे शाम को 19.3 बजे कोरबा पहुंचना था। वहीं ट्रेन 06884 कोरबा-इतवारी मेमू इसी दिन सुबह 05.30 बजे रवाना की जायेगी और शाम 19.30 बजे इतवारी पहुंचेगी।
हैरानी की बात यह कि ट्रेन का टाइमिंग तय करते हुए भी विचार नहीं किया गया कि सुबह 5 बजे यात्रियों को जानकारी किस माध्यम से की जायेगी। ये मेमू ट्रेन है न की आरक्षित एक्सप्रेस जिसमें यात्रियों के मोबाइल नंबर रेलवे के पास दर्ज होते हैं जिन पर मैसेज भेजकर उक्त ट्रेन की सूचना दी जा सके।
उल्लेखनीय कि पहले रेलवे द्वारा अक्सर ऐन वक्त पर स्पेशल ट्रेनों की घोषणा की जाती थी। इससे स्पेशल ट्रेनें चलाने का उद्देश्य ही अधूरा रह जाता था क्योंकि जानकारी के अभाव में यात्री इन स्पेशल ट्रेनों में आरक्षण ही नहीं करा पाते थे। पिछले कुछ वर्षों में अब एक महीने पहले स्पेशल ट्रेनों की घोषणा की जाने लगी है। इससे यात्रियों को काफी पहले पता चल जाता है और वे अपनी सीटें आरक्षित कर लेते हैं।
हालांकि, इतवारी और कोरबा के बीच घोषित उक्त मेमू स्पेशल की घोषणा को देखकर लगता है कि अब भी सुधार की जरूरत है। तड़के रवाना की जाने वाली इस मेमू की जानकारी यात्रियों को स्टेशन पहुंचने पर ही मिलेगी। उनके पास रेलवे एप्लिकेशन और सोशल मीडिया एक्स के अलावा जानकारी का कोई सीधा साधन नहीं है। साफ है कि जब जानकारी ही नहीं होगी तो सुबह 5 बजे यात्री स्टेशन पहुंचेंगे कैसे?
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उक्त मेमू स्पेशल को इतवारी और कोरबा मिलाकर कुल 66 स्टेशनों पर यात्री सुविधा के नाम पर स्टापेज देने का निर्णय लिया गया है लेकिन एक बार फिर सवाल यही उठता है कि बिना जानकारी के सुबह 5 बजे 8 बजे के बीच आने वाले स्टेशनों पर क्या इस मेमू को यात्री मिलेंगे। कुल 66 में अधिकांश स्टेशन काफी छोटे हैं जहां से आम दिनों में रेगुलर मेमू ट्रेनों में इक्का-दुक्का यात्री सवार होते हैं।
ऐसे में बिना जानकारी के वे भी स्टेशन क्यों पहुंचेंगे और पहुंच भी गये तो बिना अनाउंसमेंट के जानकारी कैसे मिलेगी। कुल मिलाकर रेलवे की ऐन वक्त पर स्पेशल ट्रेन वाली पॉलिसी अब भी जारी है। इस पर निगरानी जरूरी है ताकि अधिक से अधिक यात्रियों को लाभ मिल सके।