क्षतिग्रस्त कार और चंद्रशेखर बावनकुले
नागपुर. रामदासपेठ हिट एंड रन मामले में सीताबर्डी पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के बेटे संकेत बावनकुले का बयान दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार एमएच-40/सीवाई-4040 नंबर की यह कार संकेत के नाम पर है लेकिन घटना के समय गाड़ी उसका दोस्त अर्जुन हावरे (27) चला रहा था। सोमवार की रात 9 बजे के दौरान सीताबर्डी पुलिस ने संकेत को पूछताछ के लिए बुलाया और उसका बयान दर्ज किया है।
जानकारी के अनुसार संकेत, अर्जुन, रोनित चित्तमवार और एक अन्य दोस्त धरमपेठ के लाहोरी बार में गए थे। वहां शराब पीने के बाद भोजन किया और रात 12.30 बजे के दौरान निकले। एक दोस्त अपनी गाड़ी से घर रवाना हो गया जबकि तीनों संकेत की कार से निकले। रामदासपेठ में 3 वाहनों को टक्कर मारने के बाद तीनों घबरा गए और वहां से भाग निकले।
मानकापुर पुलिया पर भी अर्जुन ने एक पोलो कार को टक्कर मारी और गाड़ी भगा दी। मानकापुर टी-प्वाइंट के पास संकेत कार से उतर गया और अपने एक दोस्त को बुलाकर घर चला गया। पोलो कार में सवार युवकों ने अर्जुन और रोनित को मानकापुर में दबोचा। उन्हें अपने साथ टिमकी ले गए और मारपीट की।
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अर्जुन ने अपनी पत्नी को वाट्सएप पर लाइव लोकेशन भेजकर घटना की जानकारी दी थी। परिजनों ने पुलिस से संपर्क किया। तहसील पुलिस ने लोकेशन के जरिए दोनों को छुड़वाया। इसके बाद पूरा प्रकरण सामने आया। बताया जाता है कि टिमकी में दोनों से मारपीट करने वाले युवकों ने सोने की चेन और ब्रेसलेट भी छीना था लेकिन इस संबंध में कोई शिकायत नहीं की गई है।
अर्जुन को पुलिस ने गिरफ्तार किया था लेकिन जमानती मामला होने के कारण उसे सोमवार रात थाने से ही बेल दे दी गई। पुलिस ने अर्जुन और रोनित के ब्लड सैंपल लिए थे जिससे शराब के नशे में होने की पुष्टि हुई। संकेत के ब्लड सैंपल नहीं लिए गए है और उसका बयान दर्ज कर रवाना कर दिया गया। पुलिस ने धरमपेठ, रामदासपेठ और मानकापुर तक की सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।
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कथित तौर पर क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के अधिकारियों ने बावनकुले की कार का निरीक्षण किया है। घटना सामने आते ही शहर आरटीओ कार्यालय के अधिकारी सोमवार को ही वाहन का निरीक्षण करने गए थे। प्रारंभिक अवलोकन के बाद पुलिस से जानकारी लेने का प्रयास किया गया। पुलिस द्वारा दुर्घटना की जानकारी सरकारी वेबसाइट इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट पर पोस्ट की जाने की अपेक्षा जताई जा रही है। तदनुसार, यह जांच की गई कि घटना की जानकारी आई-रेड पर दर्ज की गई थी या नहीं। पुलिस की ओर से ऐसी जानकारी दर्ज किए जाने के बाद अब आरटीओ की ओर से उनकी निरीक्षण रिपोर्ट अपलोड की जाएगी। इसमें क्या फीडबैक दर्ज होता है, इस पर सबकी नजर है।