विकास ठाकरे और नाना पटोले (सौजन्य-सोशल मीडिया)
नागपुर: महाराष्ट्र में बूरी तरह से हार का सामना करने के बाद नाना पटोले के नेतृत्व को लेकर संदेह पैदा हो चुका है। इस दौरान नागपुर में आयोजित शीतकालीन सत्र में भी कांग्रेस पार्टी द्वारा नाना पटोले को पद से निष्कासित किए जाने की मांग उठी है।
विधानसभा चुनाव में मिली भारी पराजय के लिए प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले को जिम्मेदार मानते हुए शहर कार्यकारिणी के उपाध्यक्ष रमन पैगवार सहित अनेक पदाधिकारियों ने उनके इस्तीफा की मांग प्रेस परिषद में की। इसके साथ ही शहर अध्यक्ष व केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी को लोकसभा चुनाव में कड़ी टक्कर देने वाले विधायक विकास ठाकरे को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग की गई।
प्रेस परिषद में पैगवार ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष के व्यवहार, सोच व कमजोर नीति, आलाकमान को सत्य परिस्थिति से अवगत नहीं कराने, टिकट बंटवारे में सोशल इंजीनियरिंग का अभाव, कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों से संपर्क नहीं रखना ही चुनाव में हार के कारण रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे प्रदेश अध्यक्ष के रहते हुए शहर में अनेक कांग्रेस नेताओं ने पार्टी छोड़ दी।
अगर हालात ऐसे ही रहे और हाईकमान ने संगठनात्मक बदलाव नहीं किया तो वर्षों से पार्टी व संगठन के लिए कार्य करे अन्य कार्यकर्ता व पदाधिकारी भी पार्टी को तिलांजलि दे देंगे। प्रेस परिषद में रवि गाडगे, प्रमोद चिंचखेड़े, मोईन काजी, हरीश खंडाईत, राजेश डोर्लीकर, पिंटू बागड़ी, नारायण पौनीकर सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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अब समिति द्वारा मांग की गई है कि विधायक विकास ठाकरे को पदोन्नत कर प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए। उन्हें संगठन का लंबा अनुभव आ चुका है। उनके नेतृत्व का पूरे महाराष्ट्र को लाभ मिलेगा। कहा गया कि मनपा व स्थानीय निकाय चुनाव को देखते हुए नये नेतृत्व की जरूरत है।
विकास ठाकरे से मांग की गई कि वे शहर के सभी वरिष्ठ नेताओं की समिति बनाएं। यह समिति संगठन में विविध पदों पर कार्य करने के इच्छुकों का साक्षात्कार लेकर निर्णय ले। इच्छुक उम्मीदवारों की योग्यता, कार्य, चरित्र व आर्थिक स्थिति देखकर निर्णय लिया जाए।