नागपुर मनपा ने पेड़ों के लिए क्यारियां खोदी, लेकिन मलबा वहीं छोड़ा (फोटो नवभारत)
Nagpur Municipal Corporation News: नागपुर महानगर पालिका ने न्यायालय के आदेश के बाद पेड़ों के संरक्षण हेतु उनकी जड़ों को ‘सांस लेने’ की सुविधा देने के उद्देश्य से शहर के प्रभाग क्रमांक 4, पार्वतीनगर में पेड़ों के चारों ओर क्यारियां खोदी, लेकिन इस कार्य के बाद जो मलबा और गट्टू निकले उन्हें हटाने की बजाय वहीं फुटपाथ पर फेंक दिया गया। नतीजा ये हुआ कि फुटपाथ की हालत जर्जर हो गई और पैदल चलने वालों के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है। आम नागरिक भी इससे परेशान है।
स्थानीय दुकानदारों और नागरिकों का कहना है कि इस काम से न तो पेड़ों को कोई खास फायदा हुआ और न ही नागरिकों को राहत मिली बल्कि स्थिति और अधिक खराब हो गई है। खुदाई के बाद जो मलबा निकला है वह अब तक हटाया नहीं गया है। इस मलबे के कारण ग्राहकों का आवागमन बाधित हो रहा है। खासतौर पर दुकानदारों के व्यवसाय पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है।
स्थानीय रहवासियों ने बताया कि यह स्थिति पिछले करीब एक माह से जारी है। कई बार मनपा कार्यालय में शिकायतें की गईं लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। बरसात के कारण यह मलबा कीचड़ में तब्दील हो चुका है जिससे फिसलने और दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी हुई है। समीप पड़े गट्टू भी अब दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं।
ज्ञात हो कि उच्च न्यायालय ने शहरी क्षेत्रों में पेड़ों की उचित देखभाल और उन्हें पर्याप्त ऑक्सीजन मिलने के लिए पेड़ों के चारों ओर क्यारियां खोदने का आदेश दिया था। मनपा ने इस आदेश का पालन तो किया लेकिन जिम्मेदारी से काम नहीं किया। खुदाई के बाद मलबा हटाना भी उतना ही जरूरी होता है जिससे क्षेत्र स्वच्छ और सुगम बना रहे।
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इस समस्या को लेकर स्थानीय नागरिकों ने मनपा से जल्द से जल्द मलबा हटाने, फुटपाथ की सफाई और मरम्मत करने, संबंधित अधिकारियों पर लापरवाही का मामला दर्ज करने और भविष्य में इस तरह की कार्यवाही योजनाबद्ध तरीके से करने की मांग की है।
इस मुद्दे पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों और पूर्व नगरसेवकों ने भी मनपा की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। पार्वतीनगर के रहवासियों का कहना है कि जब तक बड़े स्तर पर शिकायत नहीं की जाती तब तक प्रशासन हरकत में नहीं आता। अब देखना यह है कि मनपा कब तक अपनी इस लापरवाही को दूर करती है।