अनिल देशमुख और शरद पवार (सौजन्य-सोशल मीडिया)
नागपुर: जिले की 2 विधानसभा सीटों पर संयुक्त राष्ट्रवादी कांग्रेस की खासी वजनदारी थी। हिंगना में तो बीजेपी ने अपना कब्जा जमा लिया और इस विधानसभा चुनाव में बची-खुची काटोल सीट भी हथिया ली। अनिल देशमुख अनेक वर्ष मंत्रिमंडल में रहे, रमेश बंग मंत्री रहे, विजय घोडमारे, प्रकाश गजभिये विधायक रहे लेकिन अब पार्टी का एक भी विधायक नहीं बचा है। पार्टी के दो फाड़ होने के बाद से तो शरद पवार गुट से कार्यकर्ताओं का सत्तासीन अजित पवार गुट में जाने का सिलसिला भी शुरू है।
कहा जा रहा है कि अब जिले में स्थानीय निकाय चुनावों में अच्छा प्रदर्शन कर अपना अस्तित्व बचाने की चुनौती पार्टी के स्थानीय नेताओं के समक्ष है। अनिल देशमुख को विदर्भ की जिम्मेदारी दी गई है; साथ ही जिला स्तरीय बैठक में उम्मीदवारों के चयन का सर्वाधिकार भी उन्हें दिया गया है। अब वे जिला परिषद, पंचायत समिति, नगरपालिका, नगर पंचायतों के चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने की रणनीति तैयार कर रहे हैं। जिला कार्यकारिणी की बैठक में यह तय किया गया है कि अगर गठबंधन नहीं भी हुआ तो स्वबल पर चुनाव लड़ने की तैयारी रखी जाए।
विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद राकां शरद पवार गुट को जिला परिषद के चुनाव में अपनी ताकत बढ़ाने के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा है। पिछला जिप चुनाव कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लड़ा था। 10 सीटों पर जीत हासिल की थी लेकिन बाद में ओबीसी वाली सीटों पर दोबारा चुनाव हुए और जिप में राकां की संख्या घटकर 8 पर आ गई थी। उस पर भी एक सदस्य नगर पंचायत गठन की बलि चढ़ने से जिप में संख्या 7 हो गई।
कांग्रेस 32 सीटों पर जीतकर अकेले ही पूर्ण बहुमत में थी। राकां ने उपाध्यक्ष पद मांगा था लेकिन कांग्रेस ने इनकार कर दिया था। काफी मशक्कत के बाद एक सभापति पद दिया गया था। अब तो उसके सीनियर सदस्य व पूर्व सभापति भी पार्टी छोड़ गए हैं और जाने की तैयारी में हैं। कुछ अजित पवार गुट में जा रहे हैं। अब समस्या यह है कि अगर कांग्रेस के साथ गठबंधन होता है तो उसे कितनी सीटें मिलेंगी और नहीं तो वह कितनी सीटों पर लड़ेगी।
अगर कम सीटें आईं तो सत्ता पाने की स्थिति में भी पिछली बार की तरह किसी तरह का सौदा करने या मांगने की स्थिति में नहीं होगी। जानकारी के अनुसार, राकां एसपी ने जिले में बराबरी की शर्त रखी है। कांग्रेस यह मानने वाली नहीं है क्योंकि केदार के नेतृत्व में वह पूर्ण बहुमत से जिप में सत्ता में आई थी और उसे उम्मीद है कि फिर वही सत्ता में लौटेगी।
जिला परिषद, पंचायत समिति, नगरपालिका, नगर पंचायत चुनाव की दृष्टि से राकां ने तैयारी शुरू कर दी है। तहसीलवार निरीक्षकों की नियुक्ति कर काम में जुट जाने का निर्णय बैठक में लिया गया। हिंगना में रमेश बंग, विजय घोडमारे, काटोल में शेखर कोल्हे व दीपक मोहिते, उमरेड में प्रकाश गजभिये व विनोद हरडे निरीक्षक की जिम्मेदारी निभाएंगे।
वहीं सावनेर के लिए अविनाश गोतमारे, रामटेक में किशोर बेलसरे, कामठी में किशोर गजभिये को निरीक्षक बनाया गया है। तहसीलवार बैठकें लेने, संगठन को मजबूत करने और विविध कार्यक्रमों का आयोजन करने का निर्णय लिया गया। समविचारी मित्र दलों के नेताओं, पदाधिकारियों से मुलाकात कर गठबंधन के संदर्भ में भी चर्चा करने की नीति बनाई गई।
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बैठक में जिलाध्यक्ष प्रवीण कुंटे पाटिल, विजय घोडमारे, प्रकाश गजभिये, किशोर गजभिये, सलिल देशमुख, किशोर बेले, शेखर कोल्हे, वैशाली टालाटुले, बबीता सोमकुंवर, रश्मि आरघोडे सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी उपस्थित थे।