नागपुर प्रभाग क्रं. 13 (डिजाइन फोटो)
Prabhag 13 Election: अंबाझरी और हिलटॉप जैसे रिहायशी इलाकों के प्रभाग-13 में काफी स्लम क्षेत्र होने के कारण जहां मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित किया वहीं स्थायी विकास करने का भी प्रयास किए जाने का दावा पूर्व पार्षदों ने किया। उनके अनुसार स्लम क्षेत्र में कई तरह की समस्याएं होती हैं। यहां तक कि प्रति दिन की समस्याओं से रूबरू होना पड़ता है।
सीमित समय में इन समस्याओं को सुलझाने का हरसंभव प्रयास किया गया है। पूर्व पार्षद परिणीता फूके ने कहा कि हेल्थ, शिक्षा, घरकुल को लेकर इस प्रभाग में काफी कार्य किया है। प्रभाग के संजयनगर स्लम को कुछ समय पहले हटाया जाना था किंतु यहां के लोगों को घरकुल योजना का लाभ देकर स्थायी हल निकाला गया। प्रभाग में न केवल यूपीएचसी सेंटर लाए गए बल्कि इंदिरा गांधी अस्पताल में आधुनिकीकरण कर मरीजों को इलाज की सुविधाएं मुहैया कराई हैं।
अब जल्द ही प्रभाग के स्लमवासियों को पट्टे वितरण किए जाएंगे। डागा लेआउट में एक एसटीपी प्लांट लगाया है। दूसरा एसटीपी प्लांट काचीमेट में लगाया जाना है। शिक्षा के क्षेत्र में 6 विधानसभा क्षेत्रों में प्रस्तावित अंग्रेजी माध्यम की स्कूल के तहत एक स्कूल इसी प्रभाग में लाने में सफलता मिली है। रामनगर स्कूल के अलावा गांधीनगर स्कूल का भी कायाकल्प किया गया है।
एक ओर जहां सत्ता में रहे भाजपा के पार्षद प्रभाग के हरसंभव विकास को साधने का दावा कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर प्रतिद्वंद्वी रहे प्रत्याशियों की ओर से इसे कोरा चुनावी स्टंट करार दिया है। प्रत्याशियों का मानना है कि अब निकट भविष्य में चुनाव होने की संभावना है। ऐसे में विकास के दावे किए जा रहे हैं किंतु आलम यह है कि प्रभाग में 70 प्रतिशत से अधिक हिस्सा स्लम में है। केवल 30 प्रतिशत ही विकसित क्षेत्र है।
इस विकसित क्षेत्र में ही सुविधाएं दिखाई दे रही हैं, जबकि स्लम में अभी भी समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। कुछ पूर्व पार्षद तो ऐसे हैं कि उनसे मिलने के लिए समय लेना होता है। इसके बावजूद उनसे मिलना संभव नहीं हो पाता है तो उनसे समस्याओं को सुलझाने की आशा किस तरह से होगी। पांढराबोडी, सुदामनगरी, हजारी पहाड़ जैसे इलाकों में तो प्रन्यास की ओर से कोई काम ही नहीं किया गया। चूंकि यह पूरा एरिया प्रन्यास के अधिकार क्षेत्र में है। ऐसे में प्रन्यास से भी विकास निधि लाई जानी चाहिए थी।
| जीतने वाले प्रत्याशी | वोट्स | दूसरे नंबर के प्रत्याशी | वोट्स |
|---|---|---|---|
| अमर बागड़े | 11,247 | विलास भालेकर | 6,096 |
| रूतिका मसराम | 12,843 | पद्मा उईके | 8,022 |
| परिणीता फूके | 12,961 | संजय सरायकर | 6,805 |
| वर्षा ठाकरे | 12,310 | कमलादेवी यादव | 6,329 |
कांग्रेस :- केतन ठाकरे, अमर बागड़े, राजू वासनिक, प्रिया फूके, उमेश पिपले, संजय सरायकर, कमलादेवी यादव।
भाजपा :-परिणीता फूके, वर्षा ठाकरे, विजय डोंगरे, विपिन गिरडे, योगेश पाचपोर, रूतिका मसराम।
| वर्ग | जनसंख्या |
|---|---|
| कुल जनसंख्या | 62,882 |
| अनुसूचित जाति (SC) | 15,143 |
| अनुसूचित जनजाति (ST) | 5,666 |
| ओबीसी | 28,000 |
| मुस्लिम | 10,000 |
13-अ अनुसूचित जाति (पुरुष)
13-ब अनुसूचित जनजाति (महिला)
13-क ओबीसी (महिला)
13-ड सर्वसाधारण (पुरुष)
वर्तमान में प्रभाग 13 में भले ही चारों पार्षद भाजपा के रहे हों किंतु अब निकट भविष्य के चुनाव में पश्चिम के विधायक विकास ठाकरे के पुत्र केतन ठाकरे के चुनाव लड़ने के संकेत मिल रहे हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि केतन ने शहर कांग्रेस कमेटी में इसी प्रभाग से चुनाव लड़ने का फॉर्म भी भरा है।
ऐसे में यदि चुनाव मैदान में विधायक पुत्र उतरते हैं तो यह काफी हाई-प्रोफाइल चुनाव होने से इनकार नहीं किया जा सकता है, जबकि पश्चिम से उनके पिता ही विधायक हैं। भले ही प्रभाग से चारों पार्षद भाजपा के रहे हों किंतु हाल ही में भाजपा के पूर्व पार्षद अमर बागड़े ने पाला बदलकर कांग्रेस का दामन थाम लिया है।
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ऐसे में भाजपा को यहां पर सेंध लगने से इनकार भी नहीं किया जा सकता है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो गत चुनाव में राकां ने ताकत से चुनाव लड़ा था किंतु वर्तमान में राकां 2 गुटों में बंट गई है जिसका कांग्रेस को लाभ हो सकता है।
जानकारों के अनुसार फूके परिवार की एक बहू प्रिया फूके ने कांग्रेस से टिकट मांगा है, जबकि दूसरी बहू पहले से भाजपा की पार्षद रही हैं। यदि परिणीता फूके दूसरी बार भी चुनाव मैदान में रहती हैं तो संभवत: उनकी टक्कर प्रिया फूके से हो सकती है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो कांग्रेस इसी तरह की चुनौती देने की तैयारी में है।
दूसरी ओर विशेष रूप से प्रभाग की 2 सीटें ऐसी हैं जहां पर यदि तालमेल रहा तो दोनों सीटें कांग्रेस की झोली में आ सकती हैं। प्रभाग 13अ में भाजपा और कांग्रेस के बागी प्रत्याशी मैदान में थे किंतु एनसीपी ने कांग्रेस का गेम बिगाड़ दिया था। कांग्रेस का प्रत्याशी यहां पर 5,151 वोटो से हारा था और इतने ही 5,158 वोट एनसीपी के प्रत्याशी ने लिए थे। इसी तरह से प्रभाग 13ब में कांग्रेस का प्रत्याशी 4,821 वोट से हारा था और इतने ही 4,842 वोट बसपा के प्रत्याशी ने लिए थे।