नागपुर के फ्लाईओवर में आई दरार (फाइल फोटो)
नागपुर: बुटीबोरी फ्लाईओवर के धंसने के बाद भी प्रशासन नींद से नहीं जाग पाया है। भारी वजन के कारण बुटीबोरी फ्लाईओवर को भारी नुकसान हुआ है। इसी तरह का खतरा अब छत्रपति चौक फ्लाईओवर पर मंडराने लगा है। रात के वक्त 40-40 टन वजनी ट्रक धड़ाधड़ फ्लाईओवर से गुजर रहे हैं और कोई भी इसे लेकर गंभीर नहीं है।
छत्रपति चौक फ्लाईओवर बड़े वजनी ट्रकों के लिए बना है या नहीं इसका खुलासा करने से भी विभाग पल्ला झाड़ रहे हैं। फ्लाईओवर के दोनों छोर पर इसे लेकर कोई सूचना फलक तक नहीं लगाया गया है। इससे संदेह और बढ़ गया है।
इस क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि आम तौर पर फ्लाईओवर के दोनों ओर सूचना फलक लगाई जाती है और फ्लाईओवर से संबंधित सूचनाएं दी जाती है। बड़े वाहन फ्लाईओवर का इस्तेमाल कर सकते हैं या नहीं इसकी भी जानकारी दी जाती है। इतना ही नहीं कई फ्लाईओवर में साइकिल सवारों के बारे में भी जानकारी उपलब्ध कराई जाती है।
लेकिन छत्रपति चौक फ्लाईओवर को लेकर सभी विभाग चुप्पी साधे हुए है। कोई भी यह बताने को तैयार नहीं है। पूर्व में कई नागरिक इसे लेकर सवाल खड़ा कर चुके हैं, लेकिन विभाग की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया जा सका है।
देर रात में एक लाइन से कई बड़े-बड़े बेधड़क होकर गुजरते हैं। इस फ्लाईओवर में हर ज्वाइंट के बाद संभवता कुछ गैप है, जिसके कारण नीचे में वाहन गुजरने की आवाज काफी तेजी से आती है। जब बड़े वाहन गुजरते हैं तो आवाज और बड़ी हो जाती है और डरावनी भी। ऐसा महसूस होता है मानो कुछ बड़ा चीज गिर गया हो। इससे नीचे से गुजरने वालों में कुछ पल के लिए डर समा जाता है।
इन फ्लाईओवरों पर चूंकि कोई रोकने टोकने वाला नहीं है, इसलिए ट्रक ड्राइवर बेधड़क वाहनों को दौड़ा रहे हैं। फ्लाईओवर की स्पीड कम से कम 70-75 किलोमीटर प्रति घंटे की होती है। ड्राइवर रात में खाली फ्लाईओवर का पूरा लुत्फ उठा रहे हैं। इन्हें कौन छूट दे रहा है यह किसी को मालूम नहीं। लेकिन भविष्य में किसी बड़ी अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता है।
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ये फ्लाईओवर बनाने का काम मेट्रो ने किया। इसके बाद महा नगर पालिका और ट्राफिक विभाग की जिम्मेदरी है कि यह तो वे जनता को स्पष्ट रूप से बता दें कि फ्लाईओवर बड़े वाहनों के अनुकूल है या फिर इसके रोक थाम के लिए समुचित कदम उठाए।
लोगों के मन में जो भय बढ़ता जा रहा है उसे दूर किया जा सके। संभव है, तो फ्लाईओवर के दोनों ओर हाई बैरिकेड लगाकर भी पूल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। अगर ऐसा नहीं है, तो फलक लगाना सबसे अहम हो गया है।